फास्टैग एक ऐसा डिवाइस होता है जिसे गाड़ी के विंडस्क्रीन पर लगा दिया जाता है। RFID टेक्नॉलॉजी पर बेस्ड यह फास्टैग लगी गाड़ी जैसे ही टोल से गुजरती है तो रेडियो फ्रीक्वेंसी टेक्नॉलॉजी की मदद से फास्टैग स्कैन हो जाता है। स्कैन होते ही आपके बैंक खाते या फिर अन्य UPI आधारित गूगल पे, पेटीएम, भीम एप से पैसे कट जाते हैं। ऐसे में आपको लंबी लाइन में लगकर मैन्युअल तरीके से पैसे देकर टोकन लेने की जरूरत नहीं पड़ती। Read More
परिवहन मंत्रालय फास्टैग के इस्तेमाल को व्यापक बनाने की योजना पर कार्य कर रहा है। जल्द ही आप इसी फास्टैग की मदद से पार्किंग चार्ज दे सकेंगे। इसी की मदद से पेट्रोल-डीजल भी भरा सकेंगे। ...
हाईवे मिनिस्ट्री के अधिकारियों के मुताबिक 245 टोल प्लाजा पर ट्रैफिक की स्थिति संतोषजनक रही जहां केवल एक लेन सिर्फ इसलिए थी जहां बिना फास्टैग वाले वाहन कैश के जरिये टोल कटा सकते हैं। ...
फास्टैग लागू हुए आज तीसरा दिन है और अब इससे जुड़ी खामियां भी सामने आने लगी हैं। फिलहाल शुरुआती दौर में जहां इसका इस्तेमाल समय बचाने, ट्रैफिक से राहत पाने के लिये बताया जा रहा था टेक्निकल प्रॉब्लम के चलते इसका उल्टा हो रहा है। ...
यदि आपने अभी तक अपने वाहन के लिए FASTag नहीं खरीदा है, तो भारत के सभी राष्ट्रीय राजमार्गों पर आज से दोगुना टोल शुल्क देने के लिए तैयार हो जाइए। 15 दिसंबर से प्रभावी होने के साथ, सरकार ने सभी लेन में टोल शुल्क FASTag के माध्यम से ही लेना शुरू कर दिया ...
फास्टैग (FASTags) एक ऐसा डिवाइस होता है जिसे गाड़ी के विंडस्क्रीन पर लगा दिया जाता है। RFID टेक्नॉलॉजी पर बेस्ड यह फास्टैग लगी गाड़ी जैसे ही टोल से गुजरती है तो रेडियो फ्रीक्वेंसी टेक्नॉलॉजी की मदद से फास्टैग स्कैन हो जाता है। ...
फास्टैग गाड़ियों में लगाया जाने वाला एक ऐसा स्टीकर है जिसकी मदद से आपका टोल चार्ज वसूला जाएगा। इसके लिये अब आपको लाइन में लगने की पैसे देने की जरूरत नहीं होगी। ...