फास्टैग को मिल सकती है KYC से छूट, परिवहन मंत्रालय और RBI मिलकर निकालेंगे हल
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 9, 2019 08:59 AM2019-12-09T08:59:34+5:302019-12-09T08:59:34+5:30
पहले यह तय था कि 1 दिसंबर से फास्टैग का इस्तेमाल अनिवार्य होगा लेकिन इस अनिवार्यता को आगे बढ़ाकर 15 दिसंबर की तारीख तय कर दी गई है।
रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवे मिनिस्ट्री ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से फास्टैग मामले में लोगों को KYC से छूट देने के लिये कहा है। मंत्रालय ने यह कदम इसलिये उठाया है जिससे कि टोल गेट के जरिये भी फास्टैग जारी किया जा सके। फिलहाल गाड़ी मालिक को फास्टैग के लिये गाड़ी की डिटेल, रजिस्ट्रेशन प्रूफ, खुद का पहचान पत्र और एड्रेस देना होता है।
इस पूरी प्रक्रिया में 15-20 मिनट का समय लगता है। वर्तमान नियमों के मुताबिक एक बार फास्टैग जारी किये जाने के बाद उसके साल के भीतर KYC को पूरा किया जाना अनिवार्य है। KYC बैंक कर्मचारियों के जरिये ही की जा सकती है और इस पर लगभग 300 रुपये प्रति व्यक्ति का खर्च आता है।
सूत्रों के मुताबिक हाइवे मिनिस्टर नितिन गडकरी ने इस मसले पर आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास से पिछले हफ्ते बात किया। गड़करी का कहना है कि बैंक और NHAI को चाहिये कि वो टोल गेट के पास फास्टैग देना चाहिये। जिससे कि गलत लेन में एंट्री करने वाले वाहनों से दोगुना चार्ज लेने की जगह उन्हें फास्टैग दिया जा सके।
फास्टैग के इस्तेमाल से इलेक्ट्रॉनिक तरीके से टोल टैक्स वसूला जाता है। फास्टैग में बैंक और वॉलेट के जरिये पैसे डाले जा सकते हैं जो कि टोल गेट से गुजरने के दौरान इलेक्ट्रॉनिक तरीके से कट जाएगा।
एक अधिकारी के मुताबिक यह एक क्लोज्ड लूप पेमेंट सिस्टम हैं और इसमें KYC से छूट देना संभव है। क्लोज्ड लूप पेमेंट सिस्टम का एक साधारण उदाहरण दिल्ली मेट्रो कार्ड है जहां पैसे तो कटते हैं लेकिन KYC की कोई जरूरत नहीं है।