सात सितंबर को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का चंद्रयान-2 के विक्रम मॉड्यूल की चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने का प्रयास तय योजना के मुताबिक पूरा नहीं हो पाया था। ...
NASA ने बताया, '17 सितंबर को जब एलआरओ विक्रम लैंडर की साइट से गुजरा उस वक्त चंद्रमा पर शाम हो रही थी। अधिकांश जगह को लंबी-लंबी परछाइयों ने ढक लिया था। हो सकता है कि विक्रम भी परछाई में छिप गया हो।' ...
सात सितंबर को चंद्रमा की सतह पर पहुंचने के कुछ ही मिनट पहले इसरो का लैंडर से संपर्क टूट गया था। इसके बाद पूरा देश इसरो और वैज्ञानिकों के साथ खड़ा दिखा था। इसरो ने मंगलवार को ट्वीट किया, ‘‘हमारे साथ खड़े रहने के लिये आपका शुक्रिया। हम दुनियाभर में सभी ...
Chandrayaan-2: इसरो ने कहा कि आधिकारिक तौर पर कोई भी जानकारी साझा किए जाने का अपडेट नहीं था। आगे कोई भी अपडेट या इमेज हमारी वेबसाइट पर साझा की जाएगी। ...
‘चंद्रयान-2’ के लैंडर ‘विक्रम’ से पुन: संपर्क करने और इसके भीतर बंद रोवर ‘प्रज्ञान’ को बाहर निकालकर चांद की सतह पर चलाने की संभावनाएं हर गुजरते दिन के साथ क्षीण होती जा रही हैं। उल्लेखनीय है कि गत सात सितंबर को ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की प्रक्रिया के दौरान अ ...
चंद्रयान-2 दूसरा लूनर मिशन है जिसे चंद्रयान 1 के बाद बनाया गया। चंद्रयान 1 को 2008 में लॉन्च किया गया था। वहीं चंद्रयान 2 को इसी साल 22 जुलाई को श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया था। ...
चांद पर 'हार्ड लैंडिंग' के बावजूद लैंडर विक्रम में कोई टूट-फूट नहीं हुई थी। इसलिए इसरो अभी निराश नहीं है और विक्रम से संपर्क साधने की कोशिशें जारी हैं। ...
गत सात सितंबर को ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की प्रक्रिया के दौरान अंतिम क्षणों में ‘विक्रम’ का जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया था। यदि यह ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने में सफल रहता तो इसके भीतर से रोवर बाहर निकलता और चांद की सतह पर वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम देता। ...