Chandrayaan-2: चंद्रयान-2 के लैंडिंग स्थान की तस्वीरों का विश्लेषण कर रहा NASA

By भाषा | Published: September 19, 2019 04:46 PM2019-09-19T16:46:07+5:302019-09-19T16:46:07+5:30

सात सितंबर को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का चंद्रयान-2 के विक्रम मॉड्यूल की चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने का प्रयास तय योजना के मुताबिक पूरा नहीं हो पाया था।

Chandrayaan-2: NASA analyzing pictures of Chandrayaan-2's landing location | Chandrayaan-2: चंद्रयान-2 के लैंडिंग स्थान की तस्वीरों का विश्लेषण कर रहा NASA

लैंडर का आखिरी क्षण में जमीनी केंद्रों से संपर्क टूट गया था।

Highlightsनासा अपने चंद्रमा ऑर्बिटर द्वारा चांद के हिस्से की खींची तस्वीरों का विश्लेषणकर रहा है भारत के चंद्रयान-2 मिशन ने अपने विक्रम मॉड्यूल की सॉफ्ट लैंडिंग कराने का प्रयास किया था।

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा अपने चंद्रमा ऑर्बिटर द्वारा चांद के उस हिस्से की खींची गई तस्वीरों का विश्लेषण, प्रमाणन एवं समीक्षा कर रहा है जहां भारत के चंद्रयान-2 मिशन ने अपने विक्रम मॉड्यूल की सॉफ्ट लैंडिंग कराने का प्रयास किया था। एजेंसी के एक प्रोजेक्ट साइंटिस्ट के हवाले से मीडिया ने यह खबर दी है।

नासा के लूनर रिकॉनिसंस ऑर्बिटर (एलआरओ) अंतरिक्षयान ने चंद्रमा के अनछुए दक्षिणी ध्रुव के पास , वहां से गुजरने के दौरान कई तस्वीरें ली जहां से विक्रम ने उतरने का प्रयास किया था । एलआरओ के डिप्टी प्रोजेक्ट साइंटिस्ट जॉन कैलर ने नासा का बयान साझा किया जिसमें इस बात की पुष्टि की गई कि ऑर्बिटर के कैमरे ने तस्वीरें ली हैं।

सीनेट डॉट कॉम ने एक बयान में कैली के हवाले से कहा, “एलआरओसी टीम इन नयी तस्वीरों का विश्लेषण करेगी और पूर्व की तस्वीरों से उनकी तुलना कर यह देखेगी कि क्या लैंडर नजर आ रहा है (यह छाया में या तस्वीर में कैद इलाके के बाहर हो सकता है)।” रिपोर्ट में कहा गया कि नासा इन छवियों का विश्लेषण, प्रमाणीकरण और समीक्षा कर रहा है। उस वक्त चंद्रमा पर शाम का समय था जब ऑर्बिटर वहां से गुजरा था जिसका मतलब है कि इलाके का ज्यादातर हिस्सा बिंब में कैद हुआ होगा।

सात सितंबर को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का चंद्रयान-2 के विक्रम मॉड्यूल की चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने का प्रयास तय योजना के मुताबिक पूरा नहीं हो पाया था। लैंडर का आखिरी क्षण में जमीनी केंद्रों से संपर्क टूट गया था। नासा के एक प्रवक्ता ने इससे पहले कहा था कि इसरो के विश्लेषण को साबित करने के लिए अंतरिक्ष एजेंसी चंद्रयान-2 विक्रम लैंडर के लक्षित इलाके की पहले और बाद में ली गई तस्वीरों को साझा करेगी।

Web Title: Chandrayaan-2: NASA analyzing pictures of Chandrayaan-2's landing location

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