Chandrayaan 2: लैंडर विक्रम से संपर्क साधने के लिए NASA पर टिकी हैं उम्मीदें, अब सिर्फ 5 दिन का वक्त!
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 16, 2019 01:29 PM2019-09-16T13:29:37+5:302019-09-16T13:29:37+5:30
चांद पर 'हार्ड लैंडिंग' के बावजूद लैंडर विक्रम में कोई टूट-फूट नहीं हुई थी। इसलिए इसरो अभी निराश नहीं है और विक्रम से संपर्क साधने की कोशिशें जारी हैं।
सात सितंबर को चंद्रमा की सतह पर उतरने से ठीक पहले लैंडर विक्रम का संपर्क टूट गया था। अब विक्रम से संपर्क के लिए पांच दिन का वक्त बचा है। दोबारा संपर्क स्थापित करने की तमाम उम्मीदें अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा पर जाकर टिक गई हैं जो पिछले कई दिनों से संपर्क साधने की असफल कोशिश कर रहा है। चांद पर 'हार्ड लैंडिंग' के बावजूद लैंडर विक्रम में कोई टूट-फूट नहीं हुई थी। इसलिए इसरो अभी निराश नहीं है और विक्रम से संपर्क साधने की कोशिशें जारी हैं।
संपर्क साधने के लिए 5 दिन का समय
ऑर्बिटर के काम करने की नियोजित अवधि एक साल से अधिक की है इसलिए वह डेटा भेजता रहेगा जबिक रोवर केवल एक चंद्रमा दिवस के लिए प्रयोग करने वाला था। एक चंद्रमा दिवस पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर होता है। विक्रम से संपर्क साधने के लिए इसरो के पास अब सिर्फ 5 दिन बचे हैं, वरना चांद पर रात हो जाएगी और चंद्रयान-2 मिशन के पूरा होने की उम्मीदें खत्म हो सकती हैं।
संपर्क साधने में जुटा NASA
नासा का ऑर्बिटर मंगलवार (17 सितंबर) को चंद्रमा की सतह पर उस जगह के ऊपर से गुजरेगा, जहां विक्रम ने लैंडिंग की है। नासा का ऑर्बिटर लैंडिंग साइट की तस्वीरें भी भेज सकता है। इससे विक्रम लैंडर से संपर्क करने में सफलता मिल सकती है।
साथ मिलकर काम कर सकते हैं ISRO और NASA
चंद्रयान 2 मिशन के तहत भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के सराहनीय प्रयास का नासा भी कायल हो गया है और उसने कहा कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर ‘विक्रम’ की सॉफ्ट लैंडिंग कराने की भारत की कोशिश ने उसे ‘‘प्रेरित’’ किया है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि वह भारतीय एजेंसी के साथ सौर प्रणाली पर अन्वेषण करना चाहती है।