महान स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद ने भारत की आजादी के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया। 23 जुलाई 1906 को मध्य प्रदेश भाबरा में चंद्रशेखर तिवारी का जन्म हुआ। वो पिता सीताराम तिवारी और मां जगरानी देवी की इकलौती संतान थे। किशोर अवस्था में उन्हें अपने जीवन के उद्देश्य की तलाश थी। 14 साल की उम्र में चंद्रशेखर घर छोड़कर अपना रास्ता बनाने मुंबई निकल पड़े। उन्होंने बंदरगाह में जहाज की पेटिंग का काम किया। मुंबई में रहते हुए चंद्रशेखर को फिर वही सवाल परेशान करने लगा कि अगर सिर्फ पेट ही पालना है तो क्या भाबरा बुरा था। वहां से उन्होंने संस्कृत की पढ़ाई के लिए काशी की ओर कूच किया। इसके बाद चंद्रशेखर ने घर के बारे में सोचना बंद कर दिया और देश के लिए समर्पित हो गए। Read More
Yogi Adityanath vs Chandrashekhar।भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद यूपी विधानसभा का चुनाव गोरखपुर से लड़ेंगे. गोरखपुर में उनकी टक्कर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से होनी अब तय हो गई है. भाजपा ने सीएम योगी को गोरखपुर सदर विधानसभा सीट से अपना उ ...
UP Assembly elections: आजाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने शनिवार को कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कई विपक्षी दलों का तीसरा मोर्चा बनाने की कोशिश की जा रही है। ...
अखिलेश यादव का भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद पर पलटवार, अखिलेश यादव ने पूछा, ‘दो सीट देने के बावजूद,किसके फोन पर पलटे’. चंद्रशेखर आजाद ने कहा, ‘अखिलेश यादव ने किया बहुजन समाज का अपमान’ ...
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद को लेकर कहा कि उन्होंने किसी से फोन पर बात करने के बाद मुझको बताया कि वह चुनाव साथ में नहीं लड़ सकते। ...
भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर ने कहा कि अखिलेश यादव हुई मुलाकात काफी सकारात्मक रहा लेकिन अंत समय में लगा कि अखिलेश यादव को दलितों की जरूरत नहीं है। उन्होंने अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि अखिलेश यादव सिर्फ वोट चाहते हैं। ...
कई लोग इसे सितंबर 2020 में हुए हाथरस कांड जैसा प्रकरण बता रहे है. 14 सितंबर 2020 को हुए हाथरस कांड में एक 19 वर्षीय दलित युवती के साथ बलात्कार और हत्या का प्रयास किया गया था. इस मामले में गंभीर रूप से घायल युवती की इलाज के दौरान मौत हो गई थी. मौत के ...
देश के महान स्वतंत्रता सैनानी चंद्रशेखर आजाद की आज जयंती है. चंद्रशेखर आजाद का जन्म 23 जुलाई, 1906 को मध्य प्रदेश स्थित झाबुआ जिले के भाबरा में हुआ था. ...
"दुश्मन की गोलियों का हम सामना करेंगे, आजाद ही रहे हैं, आजाद ही रहेंगे!" भारतीय क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद ने ये बात तब कही थी, जब वो अपने कुछ क्रांतिकारी साथियों के साथ बैठकर ठिठोली कर रहे थे। तब उनके मास्टर रुद्रनारायण ने ठिठोली करते हुए पूछा कि ...