आर्टिकल 370 के प्रावधान के तहत जम्मू कश्मीर को विशेषाधिकार दिए जाते हैं। इसके अनुसार भारतीय संसद द्वारा पारित कोई भी प्रस्ताव, नियम या नीति में बदलाव जम्मू कश्मीर पर लागू नहीं होता। जम्मू कश्मीर राज्य का अपना संविधान और झंडा है। देश में घोषित आपातकाल या आर्थिक आपातकाल कश्मीर में लागू नहीं होता। भारत की संसद जम्मू कश्मीर की विधानसभा भंग नहीं कर सकती। अनुसूचित जाति और अनिसूचित जनजाति सम्बंधी नियम जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होते। Read More
मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने कहा कि यह भारत सरकार नहीं है, इसलिए हमें यह पता लगाना होगा कि हम इन लोगों के साथ कैसे संवाद कर सकते हैं, क्योंकि हम एक व्यापारिक राष्ट्र हैं। ...
स्थानीय पुलिस से गुप्त सूचना मिलने के बाद दक्षिण कश्मीर में पुलवामा जिले के त्राल इलाके में तीनों आतंकवादियों के मारे जाने के एक दिन बाद राज्य के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह (डीजीपी) ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। ...
कार्मिक मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक संयुक्त सचिव वी. शशांक शेखर की अगुवाई में एक अन्य टीम ने 20-21 सितंबर को दौरा किया था। इसी क्रम में शेखर की अगुवाई में एक टीम ने 15-16 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर का दौरा किया था। ...
10वीं कक्षा की परीक्षाएं 29 अक्टूबर से शुरू होंगी, जिसमें 65,000 अभ्यर्थी 413 केंद्रों पर परीक्षा देंगे। जबकि 12वीं कक्षा की परीक्षाएं 30 अक्टूबर से शुरू होंगी, जिनमें 48,000 विद्यार्थी 633 केंद्रों पर परीक्षा देंगे। ...
भारतीय अमेरिकी अटॉर्नी रवि बत्रा का यह बयान उस वक्त आया जब अमेरिका के कई सांसदों ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद राज्य में मानवाधिकारों के महत्व पर जोर दिया। न्यूयॉर्क से अटॉर्नी रवि बत्रा ने दक्षिण एशिया में मानवाधिकारों पर कां ...
अमेरिका के लोकतंत्र, मानवाधिकार और श्रम के लिए सहायक विदेश मंत्री रॉबर्ट डेस्ट्रो ने कांग्रेस की एक उप समिति को कहा, ‘‘भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 और 35ए को पांच अगस्त को हटाने के बाद से हमने भारत सरकार से मानवाधिकारों के संबंध में अपनी सुरक्षा प् ...
‘हमने महसूस किया है कि संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव से कश्मीर के लोगों को फायदा हुआ था और हम सभी यह कह रहे हैं कि हम न केवल भारत और पाकिस्तान बल्कि अमेरिका और अन्य देशों को भी इसका पालन करना चाहिए।’ ...
जम्मू-कश्मीर: परीक्षा कराने की घोषणा के बाद अभिभावक और विद्यार्थी परेशान हैं कि यदि परीक्षाएं पाठ्यक्रम में बिना किसी कटौती के होती हैं तो विद्यार्थी शायद अच्छे अंक नहीं ला पायेंगे, लेकिन यदि वार्षिक परीक्षाएं नहीं होती हैं तो उन्हें एक कीमती वर्ष का ...