जिन जातकों का जन्म अश्लेषा नक्षत्र में होता है उनकी जन्म राशि कर्क तथा राशि स्वामी चन्द्रमा है। इनका वर्ण ब्राह्मण, वश्य जलचर, योनि मार्जार, महावैर यानी मूषक, गण राक्षस तथा नाड़ी अन्त्य है। ...
घर में सकारात्मकता बढ़ाने के लिए अधिकतर लोग एक्वेरियम रखते हैं। इस संबंध में मान्यता है कि एक्वेरियम की मछलियां घर की नेगेटिव एनर्जी को दूर करती है। ...
राहुकाल में नए व्यवसाय का शुभारंभ भी नहीं करना चाहिए। इस काल में किसी महत्वपूर्ण कार्य के लिए यात्रा भी नहीं करते हैं। यदि आप कहीं घूमने की योजना बना रहे हैं तो इस काल में यात्रा की शुरुआत न करें। ...
मेष राशि आज कई क्षेत्रों में समस्याएं दिखाई दे सकती हैं। आपकी सेहत बिगड़ सकती है और आप भावनात्मक रूप से परेशान भी हो सकते हैं। आपको मन शांत रखने की कोशिश करनी चाहिए। व्यावसायिक संदर्भ में आपको सतर्क और सावधान रहना चाहिए। धन की रुकावट के कारण आपको ...
हमारे धर्म ग्रंथों के अनुसार गणेश चतुर्थी को चंद्र दर्शन नहीं करने चाहिए क्योंकि इस रात्रि को चंद्र दर्शन करने से झूठे आरोप लगते हैं। इस सम्बन्ध में हमारे धर्म ग्रंथों में दो कथाएं है। ...
भगवान शिव और विष्णु की ही तरह श्री गणेश ने भी असुरों के नाश और धर्म की रक्षा के लिए कई बार अवतार लिया था। पुराणों के अनुसार हर युग में असुरी शक्ति को खत्म करने के लिए उन्होंने विकट, महोदर, विघ्नेश्वर जैसे आठ अलग-अलग नामों के अवतार लिए हैं। ...
गणपति की स्थापना करते हुए इस बात का ध्यान रखें कि मूर्ति का मुंह पूर्व दिशा की तरफ होना चाहिए। गणेश पूजा शुरू करने से पहले संकल्प लेना होता है, इसके बाद भगवान गणेश का आह्वान किया जाता है। इसके बाद गणपति की मंत्रों के उच्चारण के बाद स्थापना की जाती है ...
भाद्र मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेशजी का जन्म हुआ था, इस उपलक्ष्य में हर साल गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। ...
गणोशजी का बड़ा सिर जो हाथी का है, बुद्धिमत्ता तथा विवेकशीलता का प्रतीक है. सभी जानवरों में हाथी को सबसे अधिक बुद्धिमान माना जाता है. तभी तो गणोशजी ने माता-पिता के चक्कर लगाकर संपूर्ण पृथ्वी की परिक्र मा करने की घोषणा की थी और विजय प्राप्त की थी. ...