समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को देश के गरीबों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ करार देते हुए कहा कि वह एनपीआर के लिये कोई फार्म नहीं भरेंगे। अखिलेश ने रविवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा ''चाहे एनआरसी हो या एनपीआर, यह हर गरीब, हर अल्पसंख्यक और हर मुस्लिम के खिलाफ है।'' उन्होंने सभाकक्ष में बैठे सपा के छात्र नेताओं से मुखातिब होते हुए कहा ''सवाल यह है कि हमें एनपीआर चाहिये या रोजगार? अगर जरूरत पड़ी तो मैं पहला व्यक्ति होउंगा जो कोई फार्म नहीं भरेगा।
इसके अलावा, अखिलेश यादव ने रविवार को आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी कुर्सी बचाने के लिए प्रदेश में नए नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन की आड़ में एक समुदाय विशेष पर अन्याय करवा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह जो अन्याय हो रहा है और लोग पुलिस की गोली से मारे गए हैं, उसका अगर कोई जिम्मेदार है तो भाजपा सरकार और खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिम्मेदार हैं। वह इसलिए क्योंकि वह जानते हैं कि भाजपा के 200 विधायकों ने उनके खिलाफ विधानसभा में धरना-प्रदर्शन किया था।
बता दें कि अखिलेश ने सवाल पूछने के अंदाज में लोगों से कहा कि आप मेरा साथ देंगे कि नहीं। नहीं भरते हैं तो हम और आप सब निकाल दिये जाएंगे। हम तो नहीं भरेंगे, बताओ आप भरोगे?'' सपा अध्यक्ष ने कहा कि जो पुलिसकर्मी नये नागरिकता कानून और एनआरसी का विरोध करने वाले लोगों पर लाठियां चला रहे हैं, उन्हें बताया जाना चाहिये कि उनसे भी उनके माता—पिता का प्रमाणपत्र मांगा जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी भारतीय लोग ऐसे लोगों से भारत बचाएं जो संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सब इसलिये किया जा रहा है ताकि जनता अपनी बुनियादी समस्याओं और देश की बदहाल अर्थव्यवस्था के बारे में सवाल न पूछे। उन्होंने कहा कि सरकार ने नोटबंदी के वक्त कहा था कि भ्रष्टाचार खत्म हो जाएगा, मगर वह बात झूठ निकली। नोटबंदी के कारण अनेक बैंक डूब गये। जीएसटी से कारोबारी बर्बाद हो गये। हालत यह है कि देश की अर्थव्यवस्था आईसीयू से निकलकर आईसीसीयू में पहुंच गयी है। अखिलेश ने कहा कि सपा सरकार ने युवाओं को लैपटाप दिया और भाजपा शौचालय की तरफ ले जा रही है। इस फर्क को समझिये।