प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को घोषणा की है कि राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार ( भारत में सर्वोच्च खेल सम्मान ) अब हॉकी के दिग्गज ध्यानचंद के नाम पर जाना जाएगा और अब से राजीव गांधी खेल रत्न का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार होगा। प्रधानमंत्री के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर दो तरह के संदेशों की बाढ आ गई। एक तरफ वो लोग थे जिन्होंने इस फैसले का स्वागत किया और भारत सरकार के इस फैसले को मेजर ध्यानचंद को सच्ची श्रद्धांजलि बताया वहीं दूसरी ओर ऐसे लोग भी थे, जिन्होंने इस फैसले का स्वागत तो किया लेकिन साथ ही प्रधानमंत्री को घेरा भी।
सोशल मीडिया पर इस कदम को लेकर लोगों ने कहा कि खेल पुरस्कारों का नाम खिलाड़ियों के नाम पर रखा जाना चाहिए, राजनेताओं के नाम पर नहीं। उनका इशारा अहमदाबाद स्थित नरेंद्र मोदी स्टेडियम की तरफ था, जिसे लेकर कई लोगों ने पीए मोदी को घेरने की कोशिश की।
तर्क ये दिया गया कि राजीव गांधी खिलाड़ी नहीं थे, इसलिए उनका नाम बदला गया और मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखा गया। इसी तरह नरेंद्र मोदी और अरुण जेटली के नाम पर बने स्टेडियम को भी किसी खिलाड़ी के नाम पर रखा जाना चाहिए। फरवरी 2020 में अहमदाबाद के सरदार पटेल स्टेडियम जिसे मोटेरा स्टेडियम के नाम से जाना जाता था, का नाम बदलकर पीएम मोदी के नाम पर रखा गया। यह दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम है।
क्रिकेटर इरफान पठान ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा, “उम्मीद है कि भविष्य में स्पोर्ट्स स्टेडियम के नाम खिलाड़ियों के नाम पर भी होंगे।“ इस प्रतिक्रिया से उन्होंने भी प्रधानमंत्री की तरफ इशारा किया।
यूट्यूबर ध्रुव राठी ने कहा कि राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार करने का फैसला वाकई बड़ा फैसला है। अब मुझे उम्मीद है कि वे जल्द ही नरेंद्र मोदी स्टेडियम और जेटली स्टेडियम का भी नाम बदल देंगे और सभी राजनेताओं के नाम से बने स्टेडियम का नाम बदलकर खिलाड़ियों के नाम से रखेंगे।