पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव में दानापुर विधानसभा सीट से भाजपा के द्वारा उम्मीदवार बनाए गए पूर्व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव ने गुरुवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद दानापुर पहुंचे और रामकृपाल यादव के समर्थन में एक विशाल जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान रामकृपाल यादव ने मंच पर मुख्यमंत्री योगी को अंगवस्त्र ओढ़ाकर स्वागत किया। सभा में जब योगी आदित्यनाथ ने भाषण शुरू किया तो लोगों ने “भारत माता की जय” के नारों से माहौल गूंजा दिया।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि “यह बिहार की आवाज है, इसे पूरे देश तक पहुंचाना है। अपने संबिधन के दौरान मुख्यमंत्री योगी ने राजद और कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि ये दोनों दल और उनकी सहयोगी पार्टियां बिहार में विकास बनाम बुर्के की शरारत कर रहे हैं। बिना पहचान बताए घुसपैठियों से वोट लेकर यहां के मूल नागरिकों के अधिकार की चोरी करना चाहते हैं।
लेकिन यह अब नहीं होने दिया जाएगा। केंद्र में नरेंद्र मोदी और बिहार सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार नई ऊंचाई पर पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि जब बिहार के नागरिक विकास की बात करना चाहते हैं तो राजद, कांग्रेस और उनके सहयोगी दलों ने बुर्के पर बहस शुरू कर दी है। इन दलों के नेता फर्जी पोलिंग के पक्ष में हैं जो लोकतंत्र के लिए बड़ी चुनौती है।
बिहार के नौजवान जब अपनी प्रतिभा के दम पर विकास को लेकर आगे बढ़ना चाहते हैं तो राजद और कांग्रेस बुर्के पर बहस की पहल का कुत्सित प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि विदेशी घुसपैठियों से बुर्के की आड़ में फर्जी पोलिंग कराना चाहते हैं। यह बिहार वासियों के हक की डकैती होगी जिसे कभी होने नहीं दिया जाएगा।
जब हर मतदाता पहचान पत्र से अपनी पहचान कराकर वोट डालने की बात करता है तो बुर्के में पहचान छिपाकर वोट डालने की बात करना सही नहीं है। चुनाव आयोग जब मजबूती से इस दिशा में बढ़ रहा है तो ये लोग दुष्प्रचार कर रहे हैं। दुनिया के किसी कोने में जाने पर पहचान और चेहरा दिखाना पड़ता है तो वोट में क्या दिक्कत है।
ये लोग चाहते हैं कि बिना चेहरा दिखाए जिसकी मर्जी आए वो वोट डाल दे। ईवीएम का भी विरोध कर रहे हैं ताकि पहले की तरह वोट लूट सकें। उन्होंने कहा कि 1990 के बिहार के बिहार को याद कीजिए जब जंगलराज और परिवारवाद में बिहार के तबाह कर दिया गया। आपने देखा होगा हमारे बिहार की ज्ञान भूमि को परिवारवाद और अपराध की भूमि बनाकर रख दिया।
हमारे नौजवानों के सामने पहचान का संकट खड़ा कर दिया गया। विकास के नाम पर कैसे अराजकता फैलाई गई यह किसी से छुपा नहीं है। विकास के नाम पर अपराधी और माफिया को सत्ता का संरक्षण 1990 से 2005 के बीच दिया गया। उन्होंने कहा कि सब जानते हैं कि उसी वक्त बिहार, जो कभी आध्यात्मिक और ज्ञान की भूमि माना जाता था, उसे कुछ लोगों ने अपराध और अव्यवस्था का केंद्र बना दिया था।
नौजवानों के सामने पहचान का संकट खड़ा कर दिया गया था। उस समय विकास के नाम पर सिर्फ अराजकता फैली, लेकिन पिछले 20 सालों में एनडीए सरकार ने लगातार मेहनत कर बिहार को उस बदनाम छवि से बाहर निकाला है।