लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक जो सूबे के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री भी हैं की मेहनत रंग ले आयी है. अब उत्तर प्रदेश के हर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में जन औषधि केंद्र खुलेगा. बृजेश पाठक के इस फैसले के चलते अब यूपी की 972 सीएचसी में मरीजों को सस्ती दर पर जेनेरिक दवाएं और उपकरण मिल सकेंगे. जन औषधि केंद्र खोलने के लिए जिला स्तर पर एजेंसी तय की जा रही है. बृजेश पाठक के अनुसार, सीएचसी पर खोले जाने वाले जन औषधि केंद्रों की निगरानी के लिए तंत्र भी विकसित किया जा रहा. यह कार्रवाई करते हुए शासन स्तर से खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग को नए खुलने वाले जन औषधि केंद्रों के लाइसेंस की प्रक्रिया वरीयता के आधार पर पूरी करने के निर्देश दिए हैं.
सूबे के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री बृजेश पाठक प्रदेश की सभी 972 सीएचसी में जन औषधि केंद्र खोलने को बहुत बड़ा फैसला मानते हैं. वह कहते हैं कि वर्ष 2008 में मरीजों को सस्ती दर पर जेनेरिक दवाएं और उपकरण उपलब्ध कराने की योजना शुरू हुई थी. लेकिन अभी तक ग्रामीण क्षेत्रों में बने 972 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में एक भी जन औषधि केंद्र नहीं खुला था. इस कारण ग्रामीणों को सस्ती दर पर जेनेरिक दवाएं और उपकरण नहीं मिल पा रहे थे. जबकि प्रदेश में निजी क्षेत्र में करीब 2700 जन औषधि केंद्र बने हुए हैं.
इनमें से कुछ जन औषधि केंद्र मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों में भी खुले हुए हैं. लेकिन सीएचसी स्तर पर एक भी केंद्र नहीं खुला था. इसका संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने प्रयास शुरू किए और इसके लिए वह केंद्रीय मंत्री तक से मिले. सीएम योगी आदित्यनाथ को भी सीएचसी स्तर के स्तर जन औषधि केंद्र खोले जाने का महत्व समझाया. उनके इस प्रयास का असर हुआ और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्तर से उनके प्रयास पर मोहर लगा दी गई. मुख्यमंत्री के सहमत होते ही बृजेश पाठक ने सभी सीएएसी में जन औषधि केंद्र खोलना अनिवार्य करने का आदेश जारी कर दिया.
पहले चरण में 1110 जन औषधि केंद्र खोलने की तैयारी :
स्वास्थ्य मंत्री के इस फैसले से अब जिन जिला व विशिष्ट अस्पतालों में अभी ये केंद्र नहीं हैं, वहां भी ये केंद्र खोले जाएंगे. प्रदेश में अभी 108 जिला व संयुक्त अस्पताल, 259 विशिष्ट अस्पताल और 972 सीएचसी हैं. 3735 प्राथमिक और ब्लॉक स्तरीय स्वास्थ्य केंद्र भी हैं. स्टेट एजेंसी फॉर कंप्रेहेंसिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विस (साचीज) ने पहले चरण में सभी सीएचसी को मिलाकर 1110 जन औषधि केंद्र खोलने की तैयारी की है. बृजेश पाठक का कहना है कि मई के अंत तक इन सभी केंद्रों को शुरू कर दिया जाएगा. इसके लिए टेंडर प्रक्रिया में बदलाव किया गया है.
जन औषधि केंद्रों के लिए मंडल के बजाय जिला स्तर पर वेंडर चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. संबंधित वेंडरों को आवंटित स्थलों के लिए भारतीय औषधि एवं चिकित्सा उपकरण ब्यूरो (पीएमबीआई) पोर्टल पर आवेदन करने का निर्देश दिया गया है. वेंडर की यह जिम्मेदारी होगी कि आवंटित अस्पताल के लिए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग से लाइसेंस भी प्राप्त करे। केंद्र आवंटन के बाद 15 दिन में दवाएं उपलब्ध नहीं होने पर संबंधित वेंडर पर जुर्माना भी लगाया जाएगा. निजी क्षेत्र में भी बढ़ेंगे जन औषधि केंद्र
अभी यूपी में निजी क्षेत्र में करीब 2700 जन औषधि केंद्र खुले हैं. इन केन्द्रों पर दवाओं की मांग बढ़ रही हैं। इस कारण से उनकी संख्या में इजाफा किए जाने का फैसला किया गया. जन औषधि केंद्र खोलने के लिए प्रधानमंत्री जन औषधि परियोजना के पोर्टल पर आवेदन करना होगा.
यूपी में लोगों के इलाज का सरकारी सेटअप :
- प्रदेश में 108 जिला व संयुक्त अस्पताल है - यूपी में 259 विशिष्ट अस्पताल हैं. - यूपी में 972 सीएचसी हैं और 3735 प्राथमिक केंद्र हैं. - यूपी के सभी 75 जिलों में मेडिकल कालेज खोले का हो रहा प्रयास - इसके अलावा लखनऊ एसजीपीजीआई और गोरखपुर तथा रायबरेली में एम्स है