लाइव न्यूज़ :

यूपी के डिप्टी सीएम ने राज्य में जातिगत जनगणना की मांग का किया समर्थन, कहा- पार्टी इसके खिलाफ नहीं...

By अनिल शर्मा | Published: February 05, 2023 9:38 AM

 केशव मौर्य ने कहा कि "किसी भी राज्य सरकार द्वारा की जाने वाली जातिगत जनगणना उस सरकार का विशेषाधिकार है।" बिहार में जातिगत जनगणना को लेकर पूछे सवाल पर भाजपा नेता ने कहा, "मैं कैसे कह सकता हूं कि वे संविधान के खिलाफ काम कर रहे हैं?" 

Open in App
ठळक मुद्देयूपी में सपा, कांग्रेस और बसपा इसकी मांग पहले से कर रहे हैं। जातिगत जनगणना की मांग - या जातियों की वैज्ञानिक गणना आखिरी बार 1931 में की गई थी।बिहार में जातिगत जनगणना पर कहा कि "मैं कैसे कह सकता हूं कि वे संविधान के खिलाफ काम कर रहे हैं?" 

लखनऊः उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने जातिगत जनगणना की विपक्ष की मांग का समर्थन किया है। केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि मैं इसके लिए पूरी तरह तैयार हूं। न तो मैं और न ही मेरी पार्टी इस विषय पर विपक्ष में हैं। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यह होना चाहिए, इसमें कुछ गलत नहीं।

 गौरतलब है कि बिहार सरकार ने राज्य में जातिगत जनगणना की घोषणा कर चुकी और इसके पहले चरण की शुरुआत हो चुकी है। पड़ोसी राज्य बिहार की तर्ज पर ही उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी भी जातिगत जनगणना की मांग कर रही है। समाजवादी पार्टी के पूर्व एमएलसी और प्रवक्ता सुनिल सिंह साजन ने शनिवार को कहा कि अखिलेश यादव जल्द ही जातिगत जनगणना को लेकर जनपदों की यात्रा करेंगे।

 सुनील सिंह ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए सीएम योगी पर सवाल भी खड़े किए कि क्या सीएम योगी इस काम में रोड़ा बन रहे हैं या फिर वह दलितों, पिछड़ों और वंचितों के विरोधी हैं। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के अपने घोषणापत्र में सपा यहां तक कह चुकी है कि देश के 10 फीसदी सामान्य वर्ग के लोग 60 फीसदी राष्ट्रीय संपत्ति पर काबिज हैं। स्पष्ट है कि जातिगत जनगणना उसकी अहम रणनीतिक मांगों में शामिल है।

राज्य में सपा, कांग्रेस और बसपा इसकी मांग पहले से कर रहे हैं। केशव मौर्य ने कहा कि उनकी सरकार इसके खिलाफ नहीं है और जातिगत जनगणना कराने में कोई बुराई नहीं। केशव मौर्य ने कहा कि "किसी भी राज्य सरकार द्वारा की जाने वाली जातिगत जनगणना उस सरकार का विशेषाधिकार है।" बिहार में जातिगत जनगणना को लेकर पूछे सवाल पर भाजपा नेता ने कहा, "मैं कैसे कह सकता हूं कि वे संविधान के खिलाफ काम कर रहे हैं?" 

जातिगत जनगणना की मांग - या जातियों की वैज्ञानिक गणना आखिरी बार 1931 में की गई थी (जाति की गणना 2011 में भी की गई थी लेकिन इसका डेटा साझा नहीं किया गया था)।  यह इस पर आधारित है कि सरकार को सामाजिक न्याय को फिर से लागू करने में मदद करेगी और ऐसे जाति समूहों की पहचान करने में सहायक होगी जिनका प्रतिनिधित्व नहीं है या कम प्रतिनिधित्व है।

मंडल आयोग की सिफारिशों के आधार पर 1992 में केंद्र की तत्कालीन वीपी सिंह सरकार ने इन जातियों को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया।

टॅग्स :केशव प्रसाद मौर्याजातिBJP
Open in App

संबंधित खबरें

भारतब्लॉग: कुछ नेताओं का सब कुछ दांव पर है इन चुनावों में

भारतLok Sabha Elections 2024: ''नरेंद्र मोदी दक्षिण और उत्तर भारतीयों को बांटने की कोशिश कर रहे हैं, जहर उगल रहे हैं'', सिद्धारमैया का प्रधानमंत्री पर हमला

भारतLok Sabha Elections 2024: "केजरीवाल का जेल में दिमाग खत्म हो गया है, उन्होंने उस कांग्रेस को गले लगाया, जिसका अन्ना हजारे ने विरोध किया था'', योगी आदित्यनाथ ने कहा

भारतAmit Shah On Rahul Gandhi: 'राहुल गांधी थाईलैंड छुट्टी पर जाते हैं, मोदी सीमा पर दिवाली मनाते हैं', मधुबनी में बोले अमित शाह

भारतदिल्ली स्थित भाजपा कार्यालय में लगी आग, घटना का वीडियो आया सामने

भारत अधिक खबरें

भारतWest Bengal storm and rain: पश्चिम बंगाल के तीन जिलों में तूफान और बारिश से आफत, 3 बच्चे समेत 13 की मौत, दो-दो लाख रुपये मुआवजे की घोषणा

भारतLok Sabha Elections 2024: "मैं धर्म के आधार पर आरक्षण की इजाजत नहीं दूंगा, कांग्रेस पहले ही धर्म के आधार पर देश को बांट चुकी है", नरेंद्र मोदी का कांग्रेस पर हमला

भारतब्लॉग: तकनीक के उपयोग से मुकदमों के शीघ्र निपटारे में मदद मिलेगी

भारतWatch: रश्मिका मंदाना ने 'अटल सेतु' पर बनाया वीडियो, तारीफ सुन गदगद हुए पीएम मोदी, सराहना करते हुए शेयर किया वीडियो

भारतममता बनर्जी पर की गई टिप्पणी को लेकर बुरे फंसे भाजपा उम्मीदवार अभिजीत गंगोपाध्याय, TMC ने किया चुनाव आयोग का रुख