खेल के क्षेत्र में दिया जाने वाला सबसे बड़ा पुरस्कार का नाम कल देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वरा बदल दिया गया। केंद्र सरकार ने राजीव गंधी खेल रत्न का नाम बदलकर मेजर ध्यान चंद खेल रत्न कर दिया है। बता दें कि इस पुरस्कार को तीन बार ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के सदस्य मेजर ध्यान चंद के नाम पर रखा गया है।
वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि उन्हें देश के कई नागरिकों से खेल रत्न सम्मान को मेजर ध्यान चंद के नाम पर करने के अनुरोध प्राप्त हो रहे थे। पीएम मोदी ने कहा कि जनता की इच्छा का सम्मान करते हुए खेल के सबसे बड़े पुरस्कार को अब मेजर ध्यान चंद खेल रत्न के नाम से जाना जाएगा।
मोदी सरकार ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है, जब भारतीय टीम पुरुष हॉकी टीम 41 साल बाद ओलंपिक में पदक जीतने में कामयाब हुई है। इस उपलब्धि पर पूरा भारत जश्न मना रहा है। पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा कि ‘ओलंपिक खेलों में भारतीय खिलाड़ियों के शानदार प्रयासों से हम सभी अभिभूत हैं। विशेषकर हॉकी में हमारे बेटे-बेटियों ने जो इच्छाशक्ति दिखाई है, जीत के प्रति जो ललक दिखाई है, वो वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है। देश को गर्वित कर देने वाले पलों के बीच अनेक देशवासियों का ये आग्रह भी सामने आया है कि खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद जी को समर्पित किया जाए। लोगों की भावनाओं को देखते हुए, इसका नाम अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार किया जा रहा है।’
आपको बाता दें कि कांग्रेस पार्टी ने मोदी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। इसके साथ ही पार्टी ने तंज भी कसे हैं, पार्टी ने इस फैसले पर यह भी कहा है कि हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद का नाम राजनीतिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल न किया जाता तो बेहतर होता। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट किया, 'हॉकी के जादूगर,खेल के पुरोधा मेजर ध्यानचंद जी के प्रति सम्मान प्रकट करने का कांग्रेस स्वागत करती है मेजर ध्यानचंद का नाम अगर BJP व PM मोदी जी अपने छोटे राजनीतिक उद्देश्यों के लिए ना घसीटते तो अच्छा था, पर मेजर ध्यानचंद के नाम पर खेल रत्न पुरस्कार का नाम रखने का हम स्वागत करते हैं।'
इसके साथ ही सुरजेवाला ने कहा कि 'राजीव गांधी जी इस देश के नायक थे, हैं और रहेंगे। राजीव गांधी जी पुरस्कारों से नहीं, अपनी शहादत, अपने विचारों और आधुनिक भारत के निर्माता के तौर पर जाने जाते हैं।' उन्होंने इसी बहाने मोदी सरकार पर स्पोर्ट्स बजट में कटौती पर निशाना भी साधा। कहा- आज जब ओलंपिक वर्ष में नरेन्द्र मोदी जी ने स्पोर्ट्स का बजट ₹230 करोड़ काट दिया है, तो वो अपनी झेंप मिटाने के लिए ध्यान भटका रहे हैं! कभी किसानों की समस्याओं से, कभी जासूसी की समस्या से और कभी महंगाई जिसने आम आदमी का बजट बिगाड़ दिया है, उससे।