नई दिल्ली: स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने मंकीपॉक्स के प्रबंधन के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को बीमार लोगों के साथ निकट संपर्क से बचना चाहिए, मृत या जीवित जंगली जानवरों और अन्य लोगों के संपर्क में आने से बचना चाहिए। मंत्रायल का कहना है कि यात्रियों को त्वचा के घावों या जननांग घावों वाले लोगों सहित, बीमार लोगों के साथ निकट संपर्क से बचना चाहिए।
इसके अलावा मंत्रालय ने यात्रियों को जंगली खेल (झाड़ी के मांस) से मांस खाने या तैयार करने या अफ़्रीसिया (क्रीम, लोशन, पाउडर) से जंगली जानवरों से प्राप्त उत्पादों का उपयोग करने से बचने की सलाह भी दी है। मंत्रालय का कहना है कि यदि आप मंकीपॉक्स के लक्षण विकसित करते हैं, तो दाने के साथ लाइव बुखार और आप उस क्षेत्र में थे जहां मंकीपॉक्स की सूचना मिली है, तो निकटतम स्वास्थ्य सुविधा से परामर्श लें।
बता दें कि केरल में भारत का मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आया है। देश में मंकीपॉक्स का पहला मामला केरल में सामने आने के मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्थिति से निपटने में अधिकारियों का सहयोग करने के लिए गुरुवार को राज्य में एक उच्च स्तरीय बहु-विषयक टीम भेजी। इससे पहले केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा था कि विदेश से राज्य में लौटे एक 35 वर्षीय एक व्यक्ति में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। जांच में व्यक्ति में मंकीपॉक्स संक्रमण की पुष्टि हुई।
केरल भेजी गई केंद्रीय टीम में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी), राम मनोहर लोहिया अस्पताल, नई दिल्ली के विशेषज्ञों और स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ क्षेत्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण कार्यालय, केरल के विशेषज्ञ हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार मंकीपॉक्स वायरल जूनोसिस है (जानवरों से इंसानों में प्रसारित होने वाला वायरस), जिसमें चेचक के समान लक्षण होते हैं। हालांकि चिकित्सकीय दृष्टि से यह कम गंभीर है।