नई दिल्ली: देश में कोयला और बिजली संकट को लेकर सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड को लेकर कोयला मंत्रालय का मंगलवार को बयान सामने आया है. समाचार एजेंसी एएनआई ने मंत्रालय के हवाले से बताया कि इस साल अप्रैल के महीने में भारत का कुल कोयला उत्पादन 661.54 लाख टन तक पहुंच गया. कोल इंडिया ने इस वर्ष अप्रैल के दौरान सर्वाधिक 534.7 लाख टन उत्पादन हासिल किया है, जो 6.02 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है.
बता दें कि देश में गर्मी बढ़ने के साथ बिजली की मांग में इजाफा हुआ है. दूसरी तरफ, रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते आयातित कोयला महंगा होने के मद्देनजर ईंधन की कमी से कुछ बिजलीघरों के उत्पादन पर असर पड़ा है. उत्पादन में कमी के चलते कई राज्यों में बिजली कटौती की जा रही है. इससे औद्योगिक गतिविधियों के साथ आम जनजीवन पर भी असर पड़ रहा है. ऐसे में कोयले की कमी को लेकर अब इसपर सियासत भी शुरू हो गई है. यही कारण है कि विपक्षी नेता लगातार केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए नजर आ रहे हैं.
यही नहीं, देश के विभिन्न हिस्सों में बिजली संकट के मद्देनजर कोयला माल ढुलाई बढ़ाने के लिए रेलवे अब तक कई यात्री रेलगाड़ियों को रद्द कर चुका है. वहीं, यात्री रेलगाड़ियों के रद्द हो जाने से छत्तीसगढ़, ओड़िशा, मध्य प्रदेश और झारखंड जैसे कोयला उत्पादक राज्यों से आने-जाने वाले लोगों को असुविधा हो रही है. मालूम हो, देश के बिजलीघरों में कोयले की बढ़ती मांग के बीच सार्वजानिक क्षेत्र की कोल इंडिया लिमिटेड का उत्पादन पिछले महीने 27 प्रतिशत बढ़ा है.