'रूस-यूक्रेन संघर्ष ने हमें सिखाया कि...', राजनाथ सिंह ने बताया किसी भी देश के लिए सबसे जरूरी क्या है

By शिवेंद्र कुमार राय | Published: March 29, 2023 05:43 PM2023-03-29T17:43:00+5:302023-03-29T17:44:33+5:30

रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण दुनिया के सामने आए ऊर्जा संकट पर प्रकाश डालते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि देश की ऊर्जा सुरक्षा की दिशा में दूरगामी प्रयास किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इन्हीं जरूरतों को देखते हुए सरकार ने एनर्जी सेक्टर को सबसे ऊंचे पायदान पर रखा है।

Defence Minister Rajnath Singh sais World facing energy crisis due to Russia-Ukraine conflict | 'रूस-यूक्रेन संघर्ष ने हमें सिखाया कि...', राजनाथ सिंह ने बताया किसी भी देश के लिए सबसे जरूरी क्या है

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

Highlightsरूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण दुनिया के सामने आया ऊर्जा संकट - राजनाथ सिंहऊर्जा जरूरतों के लिए आत्मनिर्भर होना जरूरी- राजनाथ सिंहसरकार ने एनर्जी सेक्टर को सबसे ऊंचे पायदान पर रखा है - राजनाथ सिंह

नई दिल्ली: बीते एक साल से भी ज्यादा समय से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण दुनिया भर के देशों को ऊर्जा और अनाज संकट का सामना करना पड़ा। इस युद्ध ने कई देशों को ये सीख भी दी है कि संकट के समय सबसे जरूरी है कि अपना देश संसाधन संपन्न होना चाहिए। इसी बात का जिक्र बुधवार, 29 मार्च को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी किया।

राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष के दौरान ऊर्जा संकट ने ऊर्जा जरूरतों में आत्मनिर्भर बनने के महत्व की ओर दुनिया का ध्यान आकर्षित किया है। रक्षामंत्री  ने कहा कि कोई भी देश कितना भी बड़ा और विकसित क्यों न हो, अगर वह ऊर्जा जरूरतों के लिए आत्मनिर्भर नहीं है, तो उसके विकास में बाधाएं आएंगी।

नई दिल्ली में कोयला मंत्रालय द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान वाणिज्यिक कोयला खदान नीलामी के 7वें दौर के शुभारंभ पर बोलते हुए सिंह ने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। 

उन्होंने आगे कहा,  "सरकार की दूरदर्शी नीतियों के कारण देश ने विदेशी कंपनियों का भी ध्यान आकर्षित किया है और हम विदेशी कंपनियों के पसंदीदा निवेश स्थल के रूप में उभरे हैं। भविष्य में, "शहरीकरण और औद्योगीकरण के कारण  लोगों के लिए अधिक घरों, स्कूलों, कॉलेजों, अस्पतालों आदि की आवश्यकता होगी। इससे भविष्य में देश में ऊर्जा की अभूतपूर्व खपत होने वाली है। इन्हीं जरूरतों को देखते हुए सरकार ने एनर्जी सेक्टर को सबसे ऊंचे पायदान पर रखा है। खदानों का  आवंटन और नीलामी इस दिशा में बहुत महत्वपूर्ण कदम हैं।"

रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण दुनिया के सामने आए ऊर्जा संकट पर प्रकाश डालते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि देश की ऊर्जा सुरक्षा की दिशा में दूरगामी प्रयास किए जाने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि ऊर्जा सुरक्षा हासिल करने के लिए कोयला ब्लॉकों का आवंटन और नीलामी बहुत महत्वपूर्ण कदम हैं। राजनाथ सिंह ने ऊर्जा के अन्य स्त्रोतों की अहमियत पर जोर देते हुए कहा कि कोयले के उपयोग के अपने फायदे और नुकसान हैं। आज का जलवायु परिवर्तन एक वास्तविकता है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। कोयला एक प्रदूषणकारी ईंधन है, लेकिन मनुष्य लगातार इसके विकल्प तलाश रहे हैं। कई देश अन्य देशों से कोयले का उपयोग करने से बचने का अनुरोध कर रहे हैं, और सभी अचानक विकसित देश पर्यावरण को लेकर चिंता जता रहे हैं। राजनाथ सिंह ने कहा कि विकसित देशों द्वारा विकासशील देशों को कोयले के उपयोग से रोकने की कोशिश करना पाखंड है। उन्होंने कहा कि शुरुआत से ही भारत का प्रति व्यक्ति कार्बन उत्सर्जन अन्य देशों की तुलना में बहुत कम रहा है।
 

Web Title: Defence Minister Rajnath Singh sais World facing energy crisis due to Russia-Ukraine conflict

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