Madhya Pradesh:भोपाल में देश भर के खनिज मंत्रियों की कॉन्फ्रेंसः CM मोहन यादव बोले- मैं मानता था कि माइनिंग विभाग काजल की कोठरी, पर केंद्र की नीतियों से भरोसा बढ़ा और पारदर्शिता आई हैं
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 23, 2024 06:45 PM2024-01-23T18:45:42+5:302024-01-23T18:52:09+5:30
भोपाल: खनिज ब्लाक की नीलामी पर पहला स्थान एमपी को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विभागीय टीम के साथ कुशाभाऊ ठाकरे सभागार भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में खनिज साधन विभाग, मध्य प्रदेश द्वारा भारत में 29 खनिज ब्लॉकों की नीलामी कर प्रथम स्थान प्राप्त करने पर अवॉर्ड प्राप्त किया।
भोपाल: देश में खनिज ब्लॉक की नीलामी में MP को पहला स्थान मिला है । किसी अन्य राज्य की तुलना में वर्ष 2022–23 के बीच हुई नीलामी को लेकर भोपाल के कुशाभाऊ कन्वेंशन हाल में 63वां केन्द्रीय भू-वैज्ञानिक प्रोग्रामिंग बोर्ड और सेंकड राष्ट्रीय राज्य खनन मंत्रियों का सम्मेलन ये पुरुस्कार घोषित किए गए । मध्य प्रदेश ने खनन के 29 खनिज ब्लॉक नीलाम किए। वहीं 20 खनिज ब्लॉक की नीलामी के साथ छत्तीसगढ़ दूसरे स्थान पर रहा है । वही कार्यक्रम में केंद्रीय खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि लाइवलीहुड में एमपी ने अच्छा माडल डीएमएफ के माध्यम से खड़ा किया है। इस फंड का उपयोग करके लोगों को लाभ पहुंचाने का काम किया गया है। आने वाले दिनों कोयले को लेकर बहुत काम करना होगा क्योंकि इसको लेकर अलग-अलग बातें होती हैं। एमपी में भी कोयला है। इसका सही उपयोग करेंगे। जोशी ने कहा कि 2013 - 14 में ओडिशा का राजस्व 5000 हजार करोड था और खनिज नीलामी शुरू करने के बाद यह 50 हजार करोड पहुँच गया। सिर्फ जरुरत है । पारदर्शिता के साथ इसमें काम करने की की ।
एमएफ से लाइवलीहुड में एमपी ने किया अच्छा काम
केंद्रीय खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि लाइवलीहुड में एमपी ने अच्छा माडल डीएमएफ के माध्यम से खड़ा किया है। इस फंड का उपयोग करके लोगों को लाभ पहुंचाने का काम किया गया है। आने वाले दिनों कोयले को लेकर बहुत काम करना होगा क्योंकि इसको लेकर अलग-अलग बातें होती हैं। एमपी में भी कोयला है। इसका सही उपयोग करेंगे। जोशी ने कहा कि 2013 - 14 में ओडिशा का राजस्व 5000 हजार करोड था और खनिज नीलामी शुरू करने के बाद यह 50 हजार करोड पहुँच गया।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि वे यह मानते रहे हैं कि माइनिंग विभाग काजल की कोठरी है। इसमें न जाने क्या होता होगा और कार्यक्रम में शामिल होने तक यही सोचता रहा लेकिन केंद्रीय खनन विभाग की प्लानिंग के बारे में जानकारी मिलने पर भरोसा हुआ है कि पारदर्शिता का काम तेज हुआ है। भारत सरकार का खनन एजेंसियों को जोड़ने के लिए शुचिता को बढ़ाने का काम है। इस तरह के मामलों में सरकारों को आरोप से बचाने का काम केंद्र सरकार की नीतियां कर रही हैं।
एमपी में भी लीथियम की तलाश के लिए एजेंसियों के माध्यम से राज्य सरकार काम करेगी- CM
सीएम डॉ मोहन यादव ने भी इस मौके पर केंद्र की मोदी सरकार की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि माइनिंग सेक्टर में खनन की अलग-अलग संभावनाओं की तलाश कर केंद्रीय खनन विभाग ने एमपी समेत अन्य राज्यों को विकास के अवसर दिए हैं। इसी के साथ ही उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में भारी मात्रा में लीथियम मिला है और इससे भारी डेवलपमेंट की संभावना बनी है। एमपी में भी लीथियम की तलाश के लिए एजेंसियों के माध्यम से राज्य सरकार काम करेगी।
100 से ज्यादा नए प्रोजेक्ट शुरू होंगे
केंद्रीय खनिज सचिव बीएल कांताराव ने कहा हमारे देश में 32 लाख स्कवायर किलोमीटर की जमीन है। इसके अलावा 20 लाख स्कवायर किलोमीटर का समुद्री क्षेत्र और इसकी नीचे की जमीन हमारी है। हम आने वाले समय में समुद्री क्षेत्र में खनन कराएंगे। समुद्र के नीचे प्रचुर मात्रा में खनिज संपदा मौजूद है। इससे राज्यों की आर्थिक फायदा होगा। बीएल कांताराव ने देश में अगले सालों में देश में शुरू होने वाली परियोजनाओं के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में अगले साल करीब 100 से ज्यादा नए प्रोजेक्ट शुरू होंगे।
राज्य खनिज मंत्रियों की कॉन्फ्रेंस में 20 राज्यों के खनिज मंत्रियों के साथ ही वहां के प्रतिनिधि शामिल हुए । जहां अलग अलग सेशन में सभी राज्यों के खनन मंत्री के साथ खनन विभाग के प्रमुख सचिवों के साथ माइनिंग रिफार्म से जुड़े विषयों पर चर्चा हुई है ।एमपी के दृष्टीकौन से ये कांफ्रेस इसलिए भी जरुर थी क्योकिं खान को लेकर एमपी में संभावने कई है । और अगर इस पर काम अच्छे से हो गया तो राज्य सरकार के पास राजस्व का एक बेहतर साधन खनिज बन सकता है । यही कारण हैकि नई सरकार के गठन के बाद ये पहला नेशनल कांफ्रेस की मेजबानी एमपी ने की है । ऐसे में देखना होगा कि इसका आगामी दिनो में कितना फायदा एमपी को मिलता है ।