पटना: बिहार में लोकसभा चुनाव के दौरान सुरक्षा प्रदान करने के लिए तैनात किए जा रहे पुलिसकर्मी खुद अपने हथियारों को भी सुरक्षित नहीं रख पा रहे हैं। बिहार की 9 संसदीय सीटों पर अबतक मतदान हो चुके हैं और तीसरे चरण की चुनाव कराने को लेकर कमर कसी जा रही है। मतदान केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के लिए बिहार पुलिस के जवानों के अलावे केंद्रीय सुरक्षा बलों की भी तैनाती की जा रही है।
लेकिन मतदान केन्द्रों सुरक्षा के लिए चुनाव ड्यूटी पर तैनात किए जा रहे बिहार पुलिस के जवान अपने हथियार और कारतूस ही सुरक्षा नहीं कर पा रहे हैं। चोरों ने इसे भी निशाने पर लेना शुरू कर दिया है। पहले चरण के मतदान में नवादा में एक सिपाही की राइफल और कारतूस चोरी हो गई। हालांकि दो दिनों बाद पुलिस ने बड़ी मशक्कत के बाद उसे बरामद करने में सफलता हासिल कर ली।
जानकारी के मुताबिक जहां से हथियार की चोरी की गई थी, वहां बारात ठहरा हुआ था। पुलिस ने जब उन लोगों पर सख्ती बरती तो राज खुल गया। इस बीच दूसरे चरण के मतदान के दिन किशनगंज में ड्यूटी पर आए एक एएसआई की पिस्टल चोरी कर ली गई। इन घटनाओं से प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है और बिहार पुलिस की टेंशन भी बढ़ गई है। दरअसल, किशनगंज में एएसआई पिस्टल के साथ-साथ 35 राउंड गोली और उनके अन्य सामान पर भी किसी ने हाथ साफ कर दिया है।
पुलिस के अनुसार जहानाबाद जिला बल के पदस्थापित एएसआई राजीव कुमार सिंह किशनगंज में लोकसभा चुनाव करवाने किशनगंज गए थे। हथियार गायब होने के बाद एएसआई राजीव कुमार सिंह किशनगंज सदर थाना पहुंचे और आवेदन देकर शिकायत दर्ज करवाया है। उल्लेखनीय है कि पहले चरण के मतदान के दौरान नवादा के पकरीबरांवा थाना क्षेत्र के राजोबीघा गांव बूथ संख्या दांया भाग 234 पर ड्यूटी दे रहे एक सिपाही की रात में सोने के दौरान राइफल और कारतूस चोरी की गई थी।
उक्त सिपाही को लापरवाही के आरोप में निलंबित भी कर दिया गया था। वहीं बारातियों की निशानदेही पर गांव के बधार में लगे ताड़ के पेड़ के पास से पुलिस ने राइफल को बरामद भी कर लिया था।