लेह: दुनिया में जिन कार्यों को मुश्किल माना जाता है, भारतीय सेना उसे सामान्य मानती है। और जिन कार्यों को बाकी दुनिया असंभव कहती है उसे भारतीय सेना करने योग्य मानती है। इसलिए भारतीय सेना की इकाई सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने एक बार फिर एक दुरूह कार्य करने की ठान ली है। बीआरओ अब अपना ही रिकॉर्ड तोड़ कर दुनिया की सबसे ऊंची मोटरेबल रोड बनाने जा रहा है। इससे पहले भी ये कारनामा बीआरओ ने ही किया था जब उमलिंग ला पर रोड बनाई थी।
इस बारे में जानकारी देते हुए बीआरओ के डीजी लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने कहा, "उमलिंग ला दुनिया की सबसे ऊंची मोटर योग्य सड़क है। 15 अगस्त को बीआरओ ने 19400 फीट की ऊंचाई पर लिकरू, मिग-ला और फुकचे को जोड़ने वाली सड़क शुरू की। इससे सैन्य तैनाती में मदद मिलेगी। यदि कोई भी गंभीर स्थिति उत्पन्न होती है तो जल्द से जल्द सैनिक तैनात किए जा सकते हैं। बीआरओ सबसे ऊंची मोटर योग्य सड़क का अपना रिकॉर्ड तोड़ने के लिए तैयार है। जल्द ही सेला सुरंग का उद्घाटन पीएम मोदी करेंगे। यह दुनिया की सबसे ऊंची और सबसे लंबी दो लेन की सुरंग होगी। हम शिंकू ला सुरंग की भी शुरुआत करेंगे जो सबसे ऊंची होगी और चीन में स्थित एमआई ला सुरंग का रिकॉर्ड तोड़ देगी। न्योमा एयरफील्ड जब पूरा हो जाएगा तो दुनिया के सबसे ऊंचे हवाई क्षेत्रों में से एक होगा। हम ऐसा करने में सक्षम होंगे और अगले साल दिसंबर तक पूरा कर लेंगे।"
बता दें कि उमलिंग-ला दर्रे में दुनिया की सबसे ऊंची मोटरेबल रोड सीमा सड़क संगठन (BRO) ने ही बनाई थी जो कि 19,300 फीट की ऊँचाई पर स्थित है। 'प्रोजेक्ट हिमांक' के तहत बनी रणनीतिक सड़क उमलिंग ला टॉप से होकर गुज़रती है और चिसुमले व डेमचोक गाँवों को जोड़ती है। इस सड़क का निर्माण माउंट एवरेस्ट बेस कैंप से अधिक ऊँचाई पर किया गया है। सीमा सड़क संगठन (BRO) लेह के खारदुंग ला दर्रा में भी 17,582 फीट की ऊँचाई पर सड़क बना चुका है। अब जो सड़क लिकरू, मिग-ला और फुकचे को जोड़ने के लिए बनाई जाएगी वह उमलिंग-ला से 100 फीट ऊपर होगी।