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अंतरिक्ष में टला बड़ा हादसा, भारत और रूस के सेटेलाइट आ गए थे आमने-सामने, हो सकती थी टक्कर, जानिए फिर क्या हुआ

By विनीत कुमार | Updated: November 29, 2020 12:07 IST

अंतरिक्ष में भारत और रूस के सेटेलाइट एक समय ठीक एक-दूसरे के सामने बेहद करीब आ गए थे। हालांकि, ये टकराव टल गया। इसरो ने कहा है कि अंतरिक्ष में हजारों सेटेलाइट घूमते हैं और ऐसे में कई बार इस तरह की स्थिति बन जाती है।

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ठळक मुद्देइसरो और रूस की स्पेस एजेंसी रास्कोमोस की सेटेलाइट के बीच रह गई थी केवल 224 मीटर की दूरीदोनों देशों के ये उपग्रह पृथ्वी की निचली कक्षा में मौजूद हैं और रिमोट सेंसिंग सेटेलाइट हैंइसरो प्रमुख ने भी माना कि ऐसी स्थिति आ गई थी, इसरो के अनुसार दोनों के बीच की दूरी 420 मीटर थी

धरती से मीलों ऊपर अंतरिक्ष में एक बड़ा हादसा टल गया। दरसअल, भारत का रिमोट सेंसिंग सैटलाइट कार्टोसैट-2एफ और रूस का एक सेटेलाइट आमने-सामने आ गए थे। एक समय ये दूरी केवल 224 मीटर रह गई थी। वैसे इसरो ने इस दूरी को 420 मीटर बताया था। हालांकि, दोनों एक-दूसरे से टकराने से बच गए। ये घटना शुक्रवार की है।

रूस की स्पेस एजेंसी रास्कोमोस ने बताया कि भारतीय कृत्रिम उपग्रह रूस के सेटेलाइट कानोपस-V (Kanopus-V) से 224 मीटर दूर रह गया था, लेकिन ये टकराव टल गया। दोनों उपग्रह पृथ्वी की निचली कक्षा में मौजूद हैं। दोनों ही रिमोट सेंसिंग सेटेलाइट हैं जिनके जरिए पृथ्वी पर किसी भी हलचल सहित मौसम पर करीब से नजर रखी जाती है।

रास्कोमोस के सहयोगी Tsniimash की गणना के अनुसार, '700 किग्रा वजनी कार्टोसैट 2एफ सेटेलाइट 27 नवंबर 2020 को 01:49 UTC पर खतरनाक तरीके से रूस के कानोपस-V के करीब आ गया था। दोनों के बीच न्यूतम दूरी 224 मीटर की रह गई थी।'

भारत के स्पेस एजेंसी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चीफ के सिवन ने भी माना है कि अंतरिक्ष में ऐसी स्थिति पैदा हो गई थी। उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि दोनों सेटेलाइट 420 मीटर की दूरी पर रह गए थे।

इसरो प्रमुख ने साथ ही कहा कि अंतरिक्ष में खासकर पृथ्‍वी की निचली कक्षा में उपग्रहों के करीब से गुजरने की ऐसी घटनाएं सामान्‍य हैं। ऐसा इसलिए कि अंतरिक्ष में हजारों सेटेलाइट घूम रही हैं। ऐसी घटनाएं आम तौर पर नियमित रूप से सार्वजनिक नहीं की जाती हैं। सिवन ने साथ ही बताया कि ऐसी ही एक घटना हाल ही में स्‍पेन के सेटेलाइट के साथ भी हुई थी। 

भारत का कार्टोसैट-2एफ दरअसल कार्टोसैट-2 सीरीज का एक हिस्सा है। इसे जनवरी 2018 में लॉन्च किया गया था। हालांकि, ये साफ अभी नहीं हो सका है कि कैसे भारतीय सेटेलाइट रूसी सेटेलाइट के इतने करीब आ गया।

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