वहीं केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दूसरे राज्यों में फंसे छात्रों, मजदूरों और श्रद्धालुओं को घर पहुंचाने के लिए स्पेशल ट्रेनों को अनुमति दे दी है। जल्द ही ट्रेनों को चलाने की व्यवस्था की जाएगी। इसकी कमान रेलवे बोर्ड संभालेगा। रेलवे मंत्रालय ने कहा है कि फंसे हुए व्यक्तियों को भेजने के लिए मानक प्रोटोकॉल के अनुसार संबंधित राज्य सरकारों के अनुरोध पर प्वांइट टू प्वाइंट तक विशेष ट्रेनें चलाई जाएंगी। रेलवे और राज्य सरकार वरिष्ठ अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त करेंगे।
एक राज्य से दूसरे राज्य में सफर करने वालों यात्रियों की स्क्रीनिंग करनी होगी और लक्षण न पाए जाने पर ही ट्रेन में सफर करने की अनुमति होगी। राज्य सरकार की सैनिटाइज बस में यात्रियों को रेलवे स्टेशन तक लेकर आएगी और सोशल डिस्टैंसिंग का ध्यान रखा जाएगा। इसके बाद गंतव्य तक पहुंचने के बाद यात्रियों को राज्य सरकार रिसीव करेगी और उनकी स्क्रीनिंग करेगी। जरूरत पड़ने पर राज्य सरकारें क्वारंटाइन की व्यवस्था करेगी।
वहीं केरल से करीब 12,00 प्रवासी मजदूरों को लेकर यहां के अलुवा रेलवे स्टेशन से एक विशेष ट्रेन ओडिशा के भुवनेश्वर के लिए शुक्रवार शाम को रवाना होगी। राज्य मंत्री वीएस सुनील कुमार ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन लागू होने के बाद से ही ओडिशा के प्रवासी मजदूर एर्नाकुलम जिले के राहत कैंपों में ठहरे हुए थे। कुमार ने कहा कि सरकारी दिशा-निर्देशों के तहत प्रवासी मजदूरों को सरकारी बसों के जरिए स्टेशन तक लाया जाएगा। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि विशेष ट्रेन शाम छह बजे रवाना होगी।
इससे पहले रेलवे ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगाए लॉकडाउन के कारण अपनी सेवाएं स्थगित करने के बाद तेलंगाना के लिंगमपल्ली में फंसे 1,200 प्रवासियों को झारखंड के हटिया तक ले जाने के लिए शुकव्रार को पहली विशेष ट्रेन चलाई।
आरपीएफ के डीजी अरुण कुमार ने बताया, ‘‘24 बोगियों वाली यह ट्रेन शुक्रवार सुबह चार बजकर 50 मिनट पर रवाना हुई।’’ रेलवे ने एक बयान में कहा, ‘‘शुक्रवार सुबह तेलंगाना सरकार के अनुरोध और रेल मंत्रालय के निर्देशों पर लिंगमपल्ली से हटिया के लिए विशेष ट्रेन चलाई गई। यात्रियों की पूर्व जांच, स्टेशन तथा ट्रेन में सामाजिक दूरी बनाने जैसे सभी आवश्यक एहतियाती कदम उठाए गए।’’
दक्षिण मध्य रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि सभी यात्रियों की स्टेशन पर थर्मल जांच की गई, मास्क पहनना अनिवार्य किया गया और उन्हें भोजन उपलब्ध कराया गया क्योंकि ट्रेन गंतव्य से पहले कहीं नहीं रुकेगी। प्रवक्ता ने बताया कि सामाजिक दूरी नियम के पालन के लिए हर बोगी में केवल 54 यात्रियों को बैठने की ही अनुमति दी गई जबकि उसमें 72 लोगों के बैठने की व्यवस्था होती है। कूपों में आठ के बजाय छह यात्रियों को सफर करने की अनुमति दी गई है।