नई दिल्ली: देश की महंगी और नामी गिरामी अशोक यूनिवर्सिटी एक बार फिर विवादों के कारण मीडिया की सुर्खियों में है। जानकारी के मुताबिक यूनिवर्सिटी में कुछ छात्रो ने बीते बुधवार को जाति जनगणना की मांग को लेकर 'ब्राह्मण-बनिया मुर्दाबाद' जैसे विवादित नारे लगाये, जिसके कारण यूनिवर्सिटी में भारी अफरा-तफरी मच गई।
अशोक यूनिवर्सिटी के लिए विवाद कोई नहीं बात नहीं है, इससे पहले भी उसके कई टीचरों द्वारा विभिन्न मुद्दों अपनी राजनीतिक विचारों को लेकर चर्चा में रहे हैं।
समाचार वेबसाइट एनडीटीवी के अनुसार बीते बुधवार को अशोक यूनिवर्सिटी के छात्रों ने कैंपस में जातिवादी नारे लगाए गए, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। सोशल प्लेटफॉर्म एक्स पर कई ऐसे वीडियो सामने आ रहे हैं, जिसमें विश्वविद्यालय के छात्र कैंपस में विवादित नारेबाज़ी कर रहे हैं।
एक्स पर साझा कई वीडियो में सुना जा सकता है कि अधिकांश छात्र ब्राह्मणों और बनियों को लेकर विवादित नारे लगा रहे हैं। जिसकी सोशल प्लेटफॉर्म पर व्यापक रूप से निंदा हो रही है। इस संबंध में बयान जारी करते हुए यूनिवर्सिटी ने कहा, "वह छात्रों के 'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता' और जोरदार बहस को बहुत महत्व देते हैं, लेकिन उसके साथ विश्वविद्यालय आपसी सम्मान को भी उतना ही महत्व देती है।"
इसके साथ यूनिवर्सिटी के बयान में यह भी कहा गया है, "विश्वविद्यालय यह सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय करेगा कि परिसर में छात्रों के बीच शांति और सद्भाव भंग न हो।"
इन्फोसिस के पूर्व मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) मोहनदास पई ने छात्रों द्वारा "हमें जाति जनगणना की आवश्यकता है", और "ब्राह्मण-बनियावाद मुर्दाबाद" जैसे नारे लगाने के वीडियो के बाद एक्स पर किये पोस्ट में कहा, 'अशोक विश्वविद्यालय में इतनी जातिगत नफरत क्यों है।'
वहीं एक्स पर पोस्ट किए गए एक बयान में अशोक विश्वविद्यालय ने कहा, "वह किसी भी व्यक्ति या समूह के खिलाफ नफरत की अभिव्यक्ति की निंदा करता है।"
मालूम हो कि साल 2014 में स्थापित अशोक यूनिवर्सिटी ने पहले अपने संकाय के राजनीतिक विचारों को लेकर सुर्खियां बटोरी थीं। इसके अलावा मार्च 2021 में प्रताप भानु मेहता और अरविंद सुब्रमण्यम का विश्वविद्यालय से निकलना भी चर्चा का विषय था।