लाइव न्यूज़ :

अलग रह रही पत्नी को अपने पति की मौत के बाद पारिवारिक पेंशन प्राप्त करने का अधिकार?, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक आदेश में कहा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 1, 2025 09:06 IST

उर्मिला सिंह अपने पति से अलग रह रही थी और वह 8,000 रुपये मासिक गुजारा भत्ता पर पूरी तरह निर्भर थी।

Open in App
ठळक मुद्देपति सहायक अध्यापक थे और 2016 में सेवानिवृत्त होने के बाद से 2019 में मौत होने तक वह पेंशन प्राप्त कर रहे थे।पेंशन राशि के लिए पति द्वारा दिए गए दस्तावेजों में परिवार के सदस्यों में उसका नाम शामिल नहीं है।पति से गुजारा भत्ता प्राप्त कर रही थी और पारिवारिक पेंशन पाने की हकदार है।

प्रयागराजः इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक आदेश में कहा कि अलग रह रही पत्नी को अपने पति की मौत के बाद पारिवारिक पेंशन प्राप्त करने का अधिकार है। अदालत ने कहा कि पत्नी का यह अधिकार, उन बेटों के अधिकार से ऊपर है जिन्हें नियोक्ता के रिकॉर्ड में पति द्वारा नॉमिनी बनाया गया है। न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान ने उर्मिला सिंह नाम की महिला की रिट याचिका स्वीकार करते हुए यह आदेश दिया। उर्मिला सिंह अपने पति से अलग रह रही थी और वह 8,000 रुपये मासिक गुजारा भत्ता पर पूरी तरह निर्भर थी।

याचिकाकर्ता के पति सहायक अध्यापक थे और 2016 में सेवानिवृत्त होने के बाद से 2019 में मौत होने तक वह पेंशन प्राप्त कर रहे थे। याचिकाकर्ता ने पति की मौत के बाद पारिवारिक पेंशन प्राप्त करने के लिए आवेदन किया, जिसे इस आधार पर खारिज कर दिया गया कि पेंशन राशि के लिए पति द्वारा दिए गए दस्तावेजों में परिवार के सदस्यों में उसका नाम शामिल नहीं है।

याचिकाकर्ता ने इस निर्णय के खिलाफ उच्च न्यायालय का रुख कर यह दावा किया कि वह सहायक अध्यापक की पत्नी है और ग्राम प्रधान के प्रमाण पत्र द्वारा यह साबित किया गया था, जिसके बाद से वह 8,000 रुपये गुजारा भत्ता प्राप्त कर रही थी। अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता की आयु 62 वर्ष है और वह अपने पति से गुजारा भत्ता प्राप्त कर रही थी और पारिवारिक पेंशन पाने की हकदार है।

अदालत ने 27 जुलाई को दिए आदेश में कहा, “पारिवारिक पेंशन वैधानिक है और यह कर्मचारी के एकतरफा नियंत्रण से परे है। पारिवारिक पेंशन को एक कानूनी अधिकार के तौर पर माना जाता है, खैरात के तौर पर नहीं।” अदालत ने प्रतिवादी अधिकारियों को याचिकाकर्ता के पक्ष में पारिवारिक पेंशन जारी करने का निर्देश दिया। 

टॅग्स :Allahabad High CourtPension Fund Regulatory and Development Authority
Open in App

संबंधित खबरें

भारतAllahabad HC: 1996 का बम ब्लास्ट मामला, 18 लोगों की गई थी जान, बिना सबूतों के हाईकोर्ट ने आरोपी मोहम्मद इलियास को किया बरी

भारतनिचली अदालतें निर्णय हिंदी या अंग्रेजी में लिखने के लिए स्वतंत्र हैं, आधी हिंदी और आधी अंग्रेजी में निर्णय मत लिखिए?, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा

भारतPension New Rule: पेंशन विभाग का आया नया नियम, अब इन सभी सदस्यों का ब्योरा देना होगा अनिवार्य

पर्सनल फाइनेंसPPO Number: रिटायर पेंशनभोगियों के लिए जरूर है PPO नंबर, जानें क्या है ये और ऑनलाइन कैसे करें पता

कारोबारमासिक कल्याण पेंशनः 400 रुपये की बढ़ोतरी, 62 लाख लोगों को फायदा, अब इतने रुपये मिलेंगे

भारत अधिक खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई