लखनऊः अवैध धर्मांतरण कराने के आरोप में उत्तर प्रदेश में गिरफ्तार किए गए जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी करेगा. यही नहीं राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अधिकारी भी उससे पूछताछ कर खाड़ी देशों में उसके संपर्कों (लिंक) का पता लगाएंगे. इस कवायद की वजह छांगुर बाबा द्वारा अवैध धर्मांतरण के जरिए 100 करोड़ रुपए से अधिक की जुटाई गई रकम है. इसका इस्तेमाल टेरर फंडिंग और यूपी में अन्य जगहों पर अवैध धर्मांतरण में होने की आशंका हैं. इसलिए लिए यूपी स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के एडीजी अमिताभ यश ने इस प्रकरण की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर भेजी है. जिसके आधार पर ईडी छांगुर बाबा के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज कर उसके मनी ट्रेल और विदेशी संपर्कों का पता लगाएगा.
एसटीएफ जांच में मिले सबूत
हिंदू युवतियों को प्रेमजाल में फंसाकर उनका मतांतरण कराने वाले जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा को एसटीएफ ने बीते शुक्रवार को लखनऊ में पकड़ा था. उसके साथ गिरोह की सदस्य नीतू उर्फ नसरीन को भी गिरफ्तार किया गया था. नीतू का मतांतरण कराया छांगुर बाबा था. इसके पहले आठ अप्रैल को छांगुर बाबा के बेटे महबूब व नवीन उर्फ जमालुद्दीन को गिरफ्तार किया गया था.
एसटीएफ के अधिकारियों के अनुसार, छांगुर बाबा और उसके रिश्तेदारों तथा सहयोगियों के खिलाफ एक वर्ष पूर्व आजमगढ़ के थाना देवगांव में भी अवैध मतांतरण कराने के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ था. इसी मामले की जांच करते हुए एसटीएफ़ को छांगुर बाबा को लेकर तमाम पुख्ता सुराग मिले कि छांगुर बाबा ने अवैध धर्मांतरण के जरिए 100 करोड़ रुपए से अधिक रकम जुटाई है.
इस रकम का इस्तेमाल टेरर फंडिंग और अवैध धर्मांतरण उसके गैंग के सदस्यों कर रहे हैं. इसके लिए छांगुर बाबा और उसके गैंग के 18 सदस्यों ने अलग-अलग संस्थाओं के नाम से 40 से भी ज्यादा बैंक खाते खुलवाए थे. इन बैंक खातों से पिछले कुछ समय में 100 करोड़ रुपए से अधिक की फंडिंग की गई है. इंही खातों के जरिए कई संदिग्ध खातों में रकम ट्रांसफर की गई है.
इन खातों का संचालन कई दूसरे राज्यों में हो रहा है. उतरौला तहसील में छांगुर बाबा द्वारा जमीन खरीद में किए गए निवेश के भी सबूत एसटीएफ के हाथों मिले हैं. बलरामपुर के थाना उतरौला क्षेत्र के ग्राम मधपुर में पीर साहब, नसरीन, जमालुददीन, महबूब व अन्य नामों से कई संदिग्ध व्यक्तियों के रहने, विदेशी फंडिंग से एक वर्ष के भीतर करोड़ों रुपए की संपत्तियां जुटाने, शोरूम व आलीशान बंगला बनाने, लग्जरी गाड़ियां खरीदे जाने की शिकायतें मिली थीं, जिनकी जांच एसटीएफ ने की है.
एनआईए भी करेगी पूछताछ
एडीजी अमिताभ यश के अनुसार, छांगुर बाबा ने सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन तथा उसके पति का ब्रेन वाश करके मतांतरण कराया था. वह पहले सिंधी थी. छांगुर बाबा मतांतरण कराने के लिए अपने गिरोह के सदस्यों को मोटी रकम देता था. इसके अलावा इसके गैंग के लोग छांगुर बाबा द्वारा छपवाई गई किताब शिजर-ए-तैय्यबा से सीमावर्ती जिलों में इस्लाम का प्रचार करते थे.
इस किताब को छपवाने के लिए भी विदेश से फंडिंग की गई थी. बाबा के गिरोह का नेटवर्क दुबई सहित कई देशों में फैला था. खुद छांगुर बाबा और उसके गैंग के सदस्य 40 बार इस्लामिक देशों में यात्रा पर गए थे. यह आशंका है कि बाबा के तार अवैध धर्मांतरण को बढ़ावा देने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से भी जुड़े हैं.
इसका पता लगाने के लिए उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी. छांगुर बाबा को रिमांड पर लेने के दौरान एनआईए के अधिकारी भी उससे पूछताछ करेंगे. और नेपाल सीमा पर चल रहे अवैध धर्मांतरण के इस रैकेट के बारे में भी बाबा से पूछताछ की जाएगी. इस संबंध में एनआईए के अधिकारी यूपी एटीएस के साथ समन्वय स्थापित कर रहे हैं.
छांगुर बाबा करता था ये काम
छांगुर बाबा उतरौला तहसील के रेहरा माफी गांव के फकीरी टोला का रहने वाला है. रेहरा माफी गांव के लोगों के अनुसार 10 साल पहले छांगुर बाबा यहां से जाकर मधुपुर गांव में रहने लगे थे जहां अब उनकी महलनुमा कोठी बनी हुई है. छांगुर बाबा रेहरा माफी गांव के प्रधान रहने के पहले फकीरी का काम करते थे.
इस दौरान छांगुर बाबा फेरी लगाकर नग और पत्थर बेचा करते थे. उन्होने करोड़ों रुपए नग आदि बेचकर कमाए हैं. हालांकि रेहरा माफी गांव में जमालुद्दीन का पुश्तैनी मकान अब सिर्फ खंडहर के रूप में मौजूद है. लेकिन ग्रामीणों के मन में छांगुर बाबा की इज्जत बरकरार है.