पटनाः बिहार की राजधानी पटना में अपराधियों का तांडव लगातार जारी है। शुक्रवार की देर शाम बहादुरपुर थाना इलाके में बेखौफ अपराधियों के द्वारा की गई गोलीबारी में एक महिला के पैर में गोली जा लगी। इसके बाद अपराधी भाग निकले। वहीं शुक्रवार की रात ही फुलवारी शरीफ थाना क्षेत्र के आदर्श नगर कॉलोनी में अपराधियों ने 75 वर्षीय शांति देवी की गला दबाकर हत्या कर दी। वारदात के बाद अपराधी घर से ज्वेलरी और नकदी लेकर फरार हो गए। घटना का खुलासा शनिवार सुबह करीब 7 बजे हुआ। जब शांति देवी के बेटे नलिनी कांत शर्मा चाय लेकर उनकी कमरे में पहुंचे। बेटे को मां का शव बेड पर पड़ा मिला। बताया जा रहा है कि अपराधियों ने तकिए से गला दबाकर हत्या की। घर का मुख्य दरवाजा बंद था, लेकिन उसका शीशा टूटा हुआ मिला।
जिससे घर में जबरन घुसने की आशंका जताई जा रही है। पुलिस ने हत्या और लूट की इस घटना को गंभीरता से लेते हुए जांच तेज कर दी है। फुलवारी शरीफ थाना प्रभारी, पुलिस अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीपीओ) और सिटी एसपी (पश्चिम) दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे। घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए गए हैं और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है।
जानकारी अनुसार शांति देवी के पति का निधन करीब चार साल पहले हो चुका था। वे घर में अकेली रहती थीं। उनका एक बेटा स्थानीय अखबार में कार्यरत है जबकि दूसरा बेटा इन दिनों हैदराबाद गया हुआ है। पुलिस को शक है कि यह वारदात किसी जान-पहचान वाले की करतूत हो सकती है।
उधर, बिहार एसटीएफ ने दो दिन पहले पटना के पारस हॉस्पिटल में हुए चंदन मिश्रा हत्याकांड में शामिल सभी 5 अपराधियों (शूटर ) को एसटीएफ ने पश्चिम बंगाल से धर दबोचा है। पांचों से पूछताछ जारी है। हालांकि पटना के एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि अभी ऐसी कोई भी गिरफ्तारी नहीं हुई है।
इसबीच एडीजी(मुख्यालय) कुंदन कृष्णन ने बताया कि इस मामले की जांच के सिलसिले में कोलकाता के न्यू टाउन इलाके से तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है। इन हिरासत में लिए गए लोगों से आगे की पूछताछ की जा रही है, जिससे इस हाई-प्रोफाइल गोलीबारी के पीछे के साजिशकर्ताओं और हमलावरों तक पहुंचने में मदद मिलने की उम्मीद है।
उल्लेखनीय है कि पारस हॉस्पिटल के अंदर घुसकर 5 अपराधियों ने फ़िल्मी अंदाज में एक शातिर अपराधी चन्दन मिश्रा को मार गिराया था। चन्दन सजायाफ्ता कैदी था। उसे आजीवन कारावास की सजा हो चुकी थी। वह पैरोल पर ईलाज के लिए पारस अस्पताल में भर्ती था। पिछले दिनों एडीजी (मुख्यालय) कुंदन कृष्णन ने इस मामले में जानकारी देते हुए कहा था कि चंदन की हत्या शेरू सिंह के गुर्गों ने की है।
उन्होंने कहा था कि शेरू सिंह फिलहाल पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जेल में बंद है। सूत्रों के मुताबिक, पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जेल में बंद कुख्यात अपराधी ओमकार सिंह उर्फ शेरू सिंह से पूछताछ की गई। पूछताछ के दौरान शेरू सिंह ने सनसनीखेज खुलासा किया कि बिहार की एक जेल में बंद उसके ही एक गुर्गे ने चंदन मिश्रा की हत्या की साजिश रची थी।
इस खुलासे के बाद जांच एजेंसियां हरकत में आ गई हैं और जेलों में बंद संदिग्धों की पड़ताल तेज कर दी गई है। पुलिस को शक है कि वारदात में अस्पताल के कुछ कर्मियों की भी संलिप्तता हो सकती है। तौसिफ नामक शूटर की पारस अस्पताल के कुछ स्टाफ से पहले से पहचान थी। सूत्रों के मुताबिक, शेरू ने चंदन की हत्या के लिए शूटर तौसिफ को 10 लाख रुपये की सुपारी दी थी।
शेरू और तौसिफ की मुलाकात पहले बेउर जेल में हुई थी। जहां दोनों के बीच दोस्ती हुई थी। तौसिफ हाल ही में जेल से बाहर निकला था और शेरू ने पुरुलिया जेल से ही उससे संपर्क कर पूरी योजना साझा की थी। वहीं, इस हत्याकांड में शास्त्री नगर थाने में चंदन के पिता मंटू मिश्रा के द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी में उन्होंने डॉक्टर पिंटू कुमार सिंह और अस्पताल स्टाफ पर भी संदेह जताया है।
उन्होंने अपनी शिकायत में बताया है कि चंदन मिश्रा को 15 जुलाई 2025 को फिस्टुला और लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के लिए पारस अस्पताल में भर्ती किया गया था। उसी दिन दोपहर 1 से 3 बजे के बीच डॉ. पिंटू कुमार सिंह ने उनका ऑपरेशन किया। ऑपरेशन के बाद डॉक्टर ने कहा कि चंदन को 16 जुलाई को शाम 4 बजे डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।
हालांकि, बाद में डॉ. पिंटू ने डिस्चार्ज की तारीख बढ़ाकर 17 जुलाई कर दी श्रीकांत का आरोप है कि 17 जुलाई की सुबह करीब 7:15 बजे पांच हथियारबंद अपराधियों ने अस्पताल के आईसीयू वार्ड में घुसकर चंदन की गोली मारकर हत्या कर दी। उधर, बिहार में बढ़ते अपराध की घटनाओं पर एडीजी(मुख्यालय) कुंदन कृष्णन के बयान पर मचे सियासी बवाल के बीच उन्होंने माफी मांग ली है।
दरअसल,कुंदन कृष्णन ने पिछले दिनों कहा था कि इधर हाल में कई हत्याएं हुई हैं। अप्रैल, मई-जून के महीने में वर्षों से ज्यादा हत्याएं होते आए हैं। जब तक बरसात नहीं होती है, तब तक यह सिलसिला जारी रहता है। क्योंकि ज्यादातर किसानों के पास कोई काम नहीं होता है। बरसात होने के बाद किसान समाज के लोग व्यस्त हो जाते हैं।
कुंदन कृष्णन के बयान के बाद सभी दल के नेताओं ने जमकर निशाना साधा था। बढ़ते विवाद के बीच उन्होंने माफी मांग ली है। उन्होंने कहा कि सभी किसान भाई को नमस्कार। पिछले दिनों आयोजित प्रेस कांफ्रेस में मेरे द्वारा कहे गए कुछ शब्दों को तोड़-मरोड़ के पेश किया गया। इससे एक विवाद खड़ा हुआ है। मेरे द्वारा जो कहा गया उसका तात्पर्य यह नहीं था कि मेरे देश के किसान भाई और हमारे अन्नदाता का किसी भी आपराधिक घटनाओं से लेना-देना है। वो मेरे लिए हमेशा सम्मान के पात्र हैं। मेरे पूर्वज भी किसान थे। मैं भी किसान समाज से गहरा संबंध रखता हूं।
उन्होंने कहा कि हर आपराधिक घटनाओं के पीछे अपराधी होता है। कोई जाति या धर्म विशेष नहीं होता है। मेरे मन में किसान के प्रति काफी आदर है। लेकिन फिर अगर मेरे वक्तव्य के द्वारा किसी के मन को ठेस पहुंचा है तो मैं खेद प्रकट करता हूं। मैं माफी मांगता हूं।