रांचीः झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार केंद्र सरकार के पास 1.36 लाख करोड़ रुपये राशि बकाया होने का आरोप लगा रही है। इस मुद्दे को लेकर सूबे की सियासत भी गर्मायी रह रही है। झारखंड सरकार और केंद्र के बीच बकाया 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपये के मुद्दे पर तनातनी बढ़ गई है। राज्य सरकार कोयले की रॉयल्टी और खनन के लिए झारखंड में जमीन अधिग्रहण के बदले केंद्र से 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपये की मांग कर रही है। इसबीच झारखंड के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने बताया कि केंद्र सरकार के पास झारखंड प्रदेश का 1.36 लाख करोड़ रुपये देनदारी का मामला लंबित पड़ा है।
वित्त मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा बार-बार केंद्र की सरकार से यह राशि उपलब्ध कराने अनुरोध किया जा रहा है। जिसे केंद्र की सरकार लगातार अनसुना कर रही है। उन्होंने कहा कि ऐसे में यदि ज़रूरत पड़ी तो हम कानूनी कार्रवाई की ओर भी बढ़ने को विवश हो जायेंगे। राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि 1.36 लाख करोड़ रुपये के अलावा कोरोना काल में देश में शुरू की गई।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) का केंद्र सरकार पर झारखंड का 227.65 करोड़ रुपए बकाया है। खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा केंद्रीय मंत्रालय से 15 बार पत्राचार किया गया, बावजूद अब तक भुगतान नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कोई स्पेशल पैकेज झारखंड को मत दे।
हमें इससे कोई गुरेज भी नहीं है, लेकिन हमारा जो बकाया 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपये केंद्र सरकार के पास है, वह हमें भुगतान कर दें। वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार से उन्हें कोई अपेक्षा नहीं है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार हमारे बकाए की कैपिटल राशि ही दे दे। हम अभी ब्याज की बात नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि यह याचना करने की बात नहीं है, बल्कि यह हमारा हक है।
यह विभागीय प्रावधान है। जो देनदारी झारखंड की बनती है, वह केंद्र सरकार हमें दे दे। इस बीच झारखंड दौरे पर आए केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा है कि झारखंड का केंद्र सरकार पर कोई बकाया नहीं है, ये सब सिर्फ भ्रामक खबरें हैं जिसे राज्य सरकार अपनी असफलता छिपाने के लिए फैला रही है। झारखंड सरकार जनता की नजर में फेल हो चुकी है, इसलिए भ्रामक सूचनाएं फैला रही है।