नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रुपे डेबिट कार्ड, भीम यूपीआई लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए 2600 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने निर्यात, जैविक उत्पाद और बीजों को बढ़ावा देने के लिये तीन नये सहकारी संस्थाएं गठित करने की योजना को मंजूरी दी।
भूपेंद्र यादव ने कहा कि कैबिनेट ने मल्टी-स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटीज अधिनियम 2002 के तहत एक राष्ट्रीय स्तर की मल्टी-स्टेट कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट सोसाइटी की स्थापना को मंजूरी दी। यह सहकारी समितियों के समावेशी विकास मॉडल से सहकार से समृद्धि के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगी।
सरकार ने बुधवार को रुपे डेबिट कार्ड और भीम-यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) के जरिये कम राशि के लेन-देन को बढ़ावा देने के लिये 2,600 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने यह फैसला किया।
योजना के तहत, बैंकों को चालू वित्त वर्ष में रुपे और यूपीआई का उपयोग करके ‘पॉइंट ऑफ सेल’ (पीओएस) यानी दुकानों पर लगी भुगतान मशीन और ई-कॉमर्स लेनदेन को बढ़ावा देने के लिये वित्तीय प्रोत्साहन दिया जाएगा। मोदी ने इस बारे में ट्विटर पर लिखा है, ‘‘मंत्रिमंडल के रुपे डेबिट कार्ड और भीम-यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देने के संबंध में आज के फैसले से डिजिटल भुगतान में भारत की प्रगति और मजबूत होगी।’’ इससे मजबूत डिजिटल भुगतान परिवेश तैयार करने में मदद मिलेगी।
योजना के तहत कम खर्च वाला और उपयोग के लिहाज से सरल यूपीआई लाइट और यूपीआई 123 पे को भी बढ़ावा दिया जाएगा। सिर्फ दिसंबर महीने में ही यूपीआई के जरिये 12.82 लाख करोड़ रुपये मूल्य के रिकॉर्ड 782.9 करोड़ डिजिटल लेन-देन हुए।
बयान के अनुसार, ‘‘रुपे डेबिट कार्ड और कम मूल्य के भीम-यूपीआई लेन-देन (लोगों और कारोबारियों के बीच) को बढ़ावा देने के लिये 2,600 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी गयी है।’’ मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं को जानकारी देते हुए केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि इससे डिजिटल भुगतान व्यवस्था को एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम), असंगठित क्षेत्र और किसानों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी।
यूपीआई भुगतान दिसंबर में 12.82 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंचा
एकीकृत भुगतान प्रणाली यूपीआई के जरिए दिसंबर में रिकॉर्ड 12.82 लाख करोड़ रुपये मूल्य का भुगतान किया गया। इस दौरान लेनदेन की संख्या 782 करोड़ पर पहुंच गई। वित्तीय सेवा विभाग ने सोमवार को ट्वीट किया, ‘‘देश में डिजिटल भुगतान क्रांति लाने में यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) का बड़ा योगदान है।
दिसंबर 2022 में, यूपीआई लेनदेन 782 करोड़ को पार कर 12.82 लाख करोड़ रुपये रहा है।’’ यूपीआई के जरिए भुगतान अक्टूबर में 12 लाख करोड़ रुपये के पार गया था। नवंबर में इस प्रणाली के जरिए 730.9 करोड़ लेनदेन हुए थे और इनका मूल्य 11.90 लाख करोड़ रुपये था।
नकदीरहित लेनदेन का यह किफायती माध्यम महीने दर महीने लोकप्रिय हो रहा है और अब 381 बैंक यह सुविधा देते हैं। स्पाइस मनी के संस्थापक दिलीप मोदी ने कहा कि बीते एक साल में यूपीआई लेनदेन संख्या और मूल्य दोनों के लिहाज से बहुत तेजी से बढ़ा है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह बहुत ही सुविधाजनक है। वित्तीय समावेश को बढ़ावा देने के लिहाज से भी यह बहुत उपयोगी है।