भारतपे और फोनपे के बीच सुलझा बड़ा विवाद, 'पे' ट्रेडमार्क को लेकर चल रही जंग अब समाप्त

By आकाश चौरसिया | Published: May 26, 2024 05:10 PM2024-05-26T17:10:50+5:302024-05-26T17:27:13+5:30

डिजिटल पेमेंट में बड़े प्लेयर फोनपे और भारतपे के बीच पिछले 5 साल से चली आ रही कानूनी लड़ाई पूरी तरह समाप्त हो गई है। दोनों की ओर से जारी बयान में कहा गया कि इसे लेकर खुशी है और हम आगे अब इसके रजिस्ट्रेशन पर काम करेंगे।

Big dispute resolve between Bharat pe and PhonePe ongoing legal war over | भारतपे और फोनपे के बीच सुलझा बड़ा विवाद, 'पे' ट्रेडमार्क को लेकर चल रही जंग अब समाप्त

फोटो क्रेडिट- (एक्स)

Highlightsभारतपे और फोनपे के बीच हुआ समझौता 'पे' ट्रेडमार्क को साल 2018 में शुरू हुई थी जंगजो अब अंतिम पड़ाव में पहुंची, इस बात की घोषणा दोनों कंपनियों ने संयुक्त बयान में की

नई दिल्ली: डिजिटल पेमेंट के मार्केट में बड़े खिलाड़ी 'भारत पे' और 'फोन पे' ने लंबे से 'पे' ट्रेडमार्क को लेकर चली आ रही कानूनी लड़ाई पर समझौता कर लिया है। लेकिन यह समझौता कोर्ट के दखल देने से नहीं बल्कि दोनों के बीच आपसी बातचीत से हुआ है। दोनों कंपनियों ने संयुक्त बयान में यह जानकारी दी। इस बीच कंपनी की ओर से जारी बयान के मुताबिक, भारतपे और फोनपे ने पिछले 5 सालों के दौरान कानूनी गतिरोध पर विराम लगाते हुए बड़ा करार कर लिया है। अब ये माना जा सकता है दोनों के बीच आगे कोई भी कानूनी लड़ाई नहीं होगी। 

भारतपे की ओर से जारी बयान में बोर्ड के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा, दोनों कंपनियों के बीच यह कदम बहुत सकारात्मक है। इसे लेकर दोनों तरफ के मैनेजमेंट की तारीफ करता हूं, हम कानूनी जंग को समाप्त करने की ओर आगे बढ़ चुके हैं। अब हमारा फोकस डिजिटल पेमेंट के क्षेत्र में लगातार नई ऊंचाइयों को छूना है।

दोनों फर्मों के ज्वाइंट स्टेटमेंट में कहा, दोनों फर्मों ने ट्रेडमार्क को लेकर रजिस्ट्रेशन को लेकर अपने-अपने केस को भी वापस ले लिया है। अब आगे दोनों को अपने ट्रेडमार्क के रजिस्ट्रेशन को लेकर कोई रस्ता निकलने में आसानी होगी। 

दोनों संगठन दिल्ली उच्च न्यायालय और मुंबई हाईकोर्ट के समक्ष सभी मामलों के संबंध में समझौते के तहत दायित्वों का पालन करने के लिए अन्य आवश्यक कदम उठाएंगे।

फोनपे के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) समीर निगम ने कहा, "मुझे खुशी है कि हम इस मामले में एक सौहार्दपूर्ण समाधान पर पहुंच गए हैं। इस नतीजे से दोनों कंपनियों को आगे बढ़ने और समग्र रूप से देश के वित्तीय प्रौद्योगिकी उद्योग को बढ़ाने पर हमारी सामूहिक ताकत पर ध्यान केंद्रित करने में लाभ होगा।" 

कब से शुरू हुई लड़ाई?
साल 2018 से दोनों के बीच 'पे' ट्रेडमार्क को लेकर कानूनी लड़ाई चल रही थी। अगस्त 2018 में, PhonePe ने एक संघर्ष विराम नोटिस जारी किया था, जिसमें भारतपे से देवनागरी हिंदी लिपि में 'पे' लिखे ट्रेडमार्क नाम 'भारतपे' का उपयोग बंद करने का आह्वान किया गया था।

Web Title: Big dispute resolve between Bharat pe and PhonePe ongoing legal war over

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