नयी दिल्ली, 10 अक्टूबर उत्पादों के आक्रामक विपणन, मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) के समय पर क्रियान्वयन और एमएसएमई कंपनियों को सस्ते कर्ज से अगले वित्त वर्ष में देश का निर्यात 500 अरब डॉलर तक ले जाने में मदद मिलेगी।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने निर्यात संवर्धन परिषदों के साथ एक बैठक में कहा कि देश का निर्यात अच्छी दर से बढ़ रहा है और अब निर्यातक अगले वित्त वर्ष के दौरान 450-500 अरब डॉलर के निर्यात का लक्ष्य रख सकते हैं।
निर्यातकों ने समावेशी निर्यात के लिए ई-कॉमर्स की क्षमता का लाभ उठाने और निर्यात में नए स्टार्टअप, कारीगरों, बुनकरों को लाकर इसका आधार बढ़ाने का भी सुझाव दिया।
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फियो) के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा, ‘‘व्यापारिक निर्यात के लिए 450-500 अरब डॉलर का लक्ष्य काफी व्यावहारिक है। चूंकि निर्यात का आधार अब बड़ा हो जाएगा, इसलिए हमारे पास आक्रामक न होने की कोई गुंजाइश नहीं है।’’
उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स, वाहन और वाहन कलपुर्जे, फार्मास्युटिकल्स और रसायन जैसे उभरते क्षेत्रों पर निर्यात केंद्रित होना चाहिए।
मुंबई के प्रमुख निर्यातक और टेक्नोक्राफ्ट इंडस्ट्रीज इंडिया के संस्थापक चेयरमैन शरद कुमार सराफ ने कहा कि 2022-23 में 500 अरब डॉलर का निर्यात हासिल करना संभव है क्योंकि इस वित्त वर्ष में निर्यात 400 अरब डॉलर को पार कर जाएगा।
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