नेटफ्लिक्स फिल्म गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल (Gunjan Saxena: The Kargil Girl) हाल ही में रिलीज की गई है। अब फिल्म के प्रसारण पर रोक लगाने से दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने मना कर दिया है। कोर्ट में दायर की गई याचिका में आरोप लगाया गया है कि फिल्म में भारतीय वायु सेना (आइएएफ) की छवि को खराब तरीके से दर्शाया गया है।
केन्द्र ने दायक की गई अपनी याचिका में कहा था कि यह फिल्म भारतीय वायु सेना की गलत छवि पेश कर रही है। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने फिल्म का प्रसारण रोकने के आग्रह वाली केन्द्र की याचिका पर ‘धर्मा प्रोडक्शन’, नेटफ्लिक्स और पूर्व फ्लाइट लेफ्टिनेंट गुंजन सक्सेना से जवाब मांगा।
दरअसल, केन्द्र ने हाइ कोर्ट से कहा था कि फिल्म ‘गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल’ से भारतीय वायु सेना की छवि को नुकसान क्योंकि उसमें दिखाया गया कि बल मैं लैंगिक भेदभाव होता है। फिल्म12 अगस्त को नेटफ्लिक्स पर फिल्म रिलीज हो चुकी है। हाईकोर्ट इस मामले की 18 सितम्बर को अगली सुनवाई करेगा।
फिल्म का रिव्यू
फिल्म के निर्देशक शरण शर्मा ने फिल्म के लिए जाह्नवी कपूर पर भरोसा किया और वह इस पर पूरी तरह से खड़ी उतरी हैं। फिल्म में दिखाए गए हर एक किरदार ने फैंस को अपनी तरफ खींचने की कोशिश की है। खास बात ये है कि फिल्म में गुंजन सक्सेना के पिता के रोल में दिख रहे पंकज त्रिपाठी भी दमदार नजर आ रहे हैं। असल में भी गुंजन की जिंदगी में उनके पिता का अहम रोल माना जाता है।
पिता से मिलता है गुंजन को उड़ान भरने का सहास
लेकिन गुंजन के पिता को अपने बेटी पर पूरा भरोसा होता है और वह उसका साथ कभी नहीं छोड़ते। गुंजन कमर्शियल पायलट बनने की कोशिशें शुरू करती है और एक दिन एयरफोर्स पायलट बन जाती है। वहां गुंजन की एक सेंटीमीटर हाइट और वेट दोनों बाधा बनते हैं. गुंजन उस बाधा को भी पार करती है लेकिन उसके बाद पुरुषों के बीच एक महिला का होना कम चुनौतीपूर्ण नहीं होता है। फिल्म काफी मोटिवेटेड है जिसे डायरेक्टर ने बखूबी पर्दे पर उतारा है।