लाइव न्यूज़ :

अगस्त क्रांति: जब बलिया ने हासिल किया था स्वराज, कृपाशंकर चौबे का ब्लॉग

By कृपाशंकर चौबे | Updated: August 9, 2021 14:21 IST

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस समिति की सात और आठ अगस्त, 1942 को बंबई में हुई बैठक में ‘अंग्रेजों, भारत छोड़ो’ आंदोलन का प्रस्ताव पारित हुआ था.

Open in App
ठळक मुद्देआठ अगस्त की देर रात गांधीजी समेत कांग्रेस के सभी शीर्ष नेताओं को बंबई में गिरफ्तार कर लिया गया.सभी नेता गिरफ्तार कर लिए गए तो आंदोलन का नेतृत्व जनता ने अपने हाथ में ले लिया.9 अगस्त 1942 को चित्तू पांडेय के नेतृत्व में भारी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता बलिया के बीच चौराहे पर जुटे.

तत्कालीन संयुक्त प्रांत (अब उत्तर प्रदेश) का बलिया जिला नौ अगस्त 1942 को ब्रिटिश राज से मुक्त होकर स्वतंत्न हो गया था. यह देखना दिलचस्प है कि बलिया का वह आंदोलन कैसा था, उसका स्वप्न कैसा था, उसके हथियार कैसे थे और उस आंदोलन की गति कैसी थी जिसके आगे बेहद ताकतवर ब्रिटिश शक्ति टिक नहीं सकी.

उस आंदोलन की एक पृष्ठभूमि थी. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस समिति की सात और आठ अगस्त, 1942 को बंबई में हुई बैठक में ‘अंग्रेजों, भारत छोड़ो’ आंदोलन का प्रस्ताव पारित हुआ था. कांग्रेस के इस आंदोलन और गांधीजी के ‘करो या मरो’ के आह्वान के बाद आठ अगस्त की देर रात गांधीजी समेत कांग्रेस के सभी शीर्ष नेताओं को बंबई में गिरफ्तार कर लिया गया.

देशभर में गिरफ्तारियां हुईं. सभी नेता गिरफ्तार कर लिए गए तो आंदोलन का नेतृत्व जनता ने अपने हाथ में ले लिया. बलिया में आंदोलन का नेतृत्व करते हुए चित्तू पांडेय ने वहां देश की पहली अस्थाई सरकार कायम कर ली. गांधीजी के  ‘करो या मरो ’ नारे की अपील पर 9 अगस्त 1942 को चित्तू पांडेय के नेतृत्व में भारी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता बलिया के बीच चौराहे पर जुटे और जिले की प्रशासन व्यवस्था को ठप कर जनता के राज की स्थापना का आह्वान किया.

संचार और यातायात व्यवस्था ठप कर दी गई. तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट जे. निगम ने चित्तू पांडेय से स्थिति पर नियंत्नण करने की अपील की तो चित्तू पांडेय ने कहा, ‘यह तभी संभव है जब प्रशासन हम संभालें. कांग्रेस नेताओं की बिना शर्त रिहाई कीजिए और हमें सत्ता सौंपिए, तभी जनता का आंदोलन रुक सकेगा, वरना शांति नहीं कायम होगी.’

कलेक्टर ने स्थिति को भांपते हुए चित्तू पांडेय से कहा, ‘ठीक है, अब आप ही जिले को संभालें.’ चित्तू पांडेय ने कचहरी में राष्ट्रीय ध्वज फहराया और प्रजा के राज के कायम होने की घोषणा कर दी. अगले दिन 10 अगस्त को खबर जब गांवों में पहुंची तो लोग घरों से निकलने लगे. जिले के थानों, कस्बों, तहसीलों में भी स्वराज की स्थापना हो गई. पूरा जिला अंग्रेजी शासन से मुक्त हो गया.

बलिया पर अंग्रेजों के शासन के खत्म होने की खबर जब लंदन पहुंची तो वहां से संयुक्त प्रांत के गवर्नर हैलेट को निर्देश आया कि बड़ी सेना लेकर बलिया पर पुन: कब्जा किया जाए. प्रांत के गवर्नर ने विशेषाधिकार के साथ मेजर नेदरसोल को भारी तादाद में फौजियों और हथियारों के साथ बलिया भेजा.

नेदरसोल फौज के साथ 22 अगस्त 1942 की रात दो बजे बलिया स्टेशन पहुंचा और वहां पहुंचते ही क्रूर कार्रवाइयां शुरू कर दीं. 23 अगस्त को अंग्रेजों की क्रूर कार्रवाइयों की भनक पाते ही चित्तू पांडेय भूमिगतहो गए. बलिया के बाद प. बंगाल के मेदिनीपुर के तमलुक में स्वराज कायम हुआ.

29 सितंबर 1942 को मातंगिनी हाजरा ने मेदिनीपुर के तमलुक थाने पर तिरंगा ध्वज फहराने के उद्देश्य से छह हजार लोगों के साथ जुलूस निकाला तो ब्रिटिश पुलिस ने गोली चलाई. एक गोली उनके बाएं हाथ में लगी. उन्होंने ध्वज को गिरने से पहले ही दूसरे हाथ में ले लिया. तभी दूसरी गोली उनके दाहिने हाथ में और तीसरी उनके माथे पर लगी.

मातंगिनी की मृत देह वहीं लुढ़क गई. उनके बलिदान से तमलुक में इतना जोश उमड़ा कि दस दिन के अंदर ही लोगों ने अंग्रेजों को वहां से खदेड़कर स्वाधीन सरकार का गठन किया जिसने 21 महीने तक काम किया. इसी तरह महाराष्ट्र के सतारा जिले में क्रांति सिंह नाना पाटिल के रूप में नेतृत्व उभरा.

पाटिल ने अगस्त 1942 में सतारा के एक-एक गांव में जाकर स्वराज के लिए लोगों को संगठित और शिक्षित करना शुरू किया और एक साल बाद अगस्त 1943 में अपनी सरकार कायम कर ली. उन्होंने अपनी सरकार के तहत हर गांव में समितियों का गठन किया जो नि:स्वार्थ रूप से काम करती थीं.

नाना पाटिल को पकड़वाने के लिए ब्रिटिश शासन ने पुरस्कार की घोषणा कर रखी थी किंतु वे कभी उनकी पकड़ में नहीं आए. पाटिल भूमिगत होकर लगातार अपना काम करते रहे. सतारा मई 1946 तक स्वाधीन रहा. उसे नाना पाटिल की प्रति सरकार के नाम से जाना जाता है.

टॅग्स :उत्तर प्रदेशमहात्मा गाँधीमुंबई
Open in App

संबंधित खबरें

भारतकौन हैं पंकज चौधरी?, भूपेंद्र सिंह चौधरी की जगह होंगे यूपी बीजेपी अध्यक्ष?, 2027 विधानसभा प्रमुख लक्ष्य रहेगा

क्राइम अलर्टअल्ट्रासाउंड कर रहा था अभिमन्यु गुप्ता, घूरा, पर्चा देखा और सारे कपड़े उतारने को कहा, मसाज करनी होगी, अश्लील हरकतें शुरू की, चिल्लाई, तो मुंह बंद कर दिया और...

भारत‘लोकमत महागेम्स’ के कारण खेल संस्कृति मैदान पर फिर नजर आने लगी: सीएम फडणवीस

क्रिकेटSyed Mushtaq Ali Trophy Elite 2025 Super League: हैदराबाद, झारखंड, हरियाणा और मप्र की जीत, मुंबई, पंजाब, आंध्र प्रदेश और राजस्थान की हार, 14 दिसंबर का दूसरा चरण

भारतकेंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी होंगे यूपी भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के शनिवार को लखनऊ में करेंगे ऐलान

भारत अधिक खबरें

भारततिरुवनंतपुरम नगर चुनाव में 50, पलक्कड़ नगरपालिका में 25, कोडुंगल्लूर नगरपालिका में 18, त्रिशूर निगम में 08, गुरुवायूर और वडक्कनचेरी नगरपालिकाओं के 2-2 सीट पर बीजेपी का कब्जा

भारतवोटर लिस्ट से नाम गायब, केरल हाईकोर्ट का रुख करने वाली कांग्रेस उम्मीदवार वैश्ना एसएल ने मारी बाजी, 300 से अधिक मत से जीत

भारततिरुवनंतपुरम नगर निगमः 45 साल से कब्जा, वामपंथी दल पस्त?, पीएम मोदी ने लिखा-भाजपा-राजग को मिला जनादेश केरल की राजनीति में ऐतिहासिक क्षण, पढ़िए पोस्ट

भारतकर्नाटक कांग्रेस सरकारः 6 जनवरी को सीएम बनेंगे शिवकुमार, मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की जगह लेंगे?, विधायक इकबाल हुसैन ने संभावना व्यक्त की

भारतराजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की जब्त अवैध संपत्तियों को सीज कर सरकारी स्कूल खोलेगे?, सम्राट चौधरी ने किया ऐलान, सूबे की सियासत तेज