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जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉग: नई सरकार के सामने रोजगार की चुनौती

By डॉ जयंती लाल भण्डारी | Updated: June 18, 2024 10:26 IST

राष्ट्रीय सांख्यिकी संगठन (एनएसओ) के द्वारा जारी आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) आंकड़ों के अनुसार भारत के शहरी इलाकों में बेरोजगारी की दर वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही (जनवरी से मार्च 2024) में बढ़कर 6.7 प्रतिशत हो गई है, जो इसके पहले की तिमाही में 6.5 प्रतिशत थी.

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ठळक मुद्देप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई एनडीए गठबंधन सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती नौकरियों और रोजगार के अवसरों में वृद्धि करने की है15 साल से अधिक उम्र में बेरोजगारी की दर जनवरी-मार्च 2023 की तिमाही के 6.8 प्रतिशत के बाद सर्वाधिक हैशहरी बेरोजगारी पिछली चार तिमाही के उच्च स्तर पर पहुंच गई है. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई एनडीए गठबंधन सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती नौकरियों और रोजगार के अवसरों में वृद्धि करने की है. नि:संदेह नई गठबंधन सरकार को बेरोजगारी संबंधी चिंताजनक नए आंकड़ों को ध्यान में रखना होगा. हाल ही में पिछले दस वर्षों में संघ लोक सेवा आयोग रेलवे भर्ती और कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) ने जो भर्तियां की हैं, वे रिक्त पदों की तुलना में बहुत कम हैं. 

राष्ट्रीय सांख्यिकी संगठन (एनएसओ) के द्वारा जारी आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) आंकड़ों के अनुसार भारत के शहरी इलाकों में बेरोजगारी की दर वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही (जनवरी से मार्च 2024) में बढ़कर 6.7 प्रतिशत हो गई है, जो इसके पहले की तिमाही में 6.5 प्रतिशत थी. शहरी बेरोजगारी पिछली चार तिमाही के उच्च स्तर पर पहुंच गई है. 

15 साल से अधिक उम्र में बेरोजगारी की दर जनवरी-मार्च 2023 की तिमाही के 6.8 प्रतिशत के बाद सर्वाधिक है. सर्वेक्षण के अनुसार युवा बेरोजगारी स्तर बढ़ा है और यह बीती तिमाही के 16.5 प्रतिशत से बढ़कर चौथी तिमाही में 17 प्रतिशत हो गया. यह आंकड़ा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस आयु वर्ग के लोग पहली बार श्रम बाजार में प्रवेश करते हैं. इससे शहरी रोजगार के बाजार में गिरावट का पता चलता है.

अब नई सरकार के द्वारा देश में असंगठित सेक्टर, लघु एवं मध्यम उद्योगों और गिग वर्कर्स की चिंताओं पर भी ध्यान दिया जाना होगा. इसमें कोई दो मत नहीं है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विगत 10 वर्षों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) जैसी नई स्किल्स से नई पीढ़ी को सुसज्जित करके उनके लिए रोजगार के मौके बढ़ाए हैं. 

अब तीसरे कार्यकाल में देश में वैश्विक क्षमता केंद्रों (जीसीसी) स्थापनाओं की रफ्तार तेजी से बढ़ाकर नए तकनीकी कौशल वाले युवाओं के लिए रोजगार के अधिक मौके सृजित करने की डगर पर आगे बढ़ा जाना होगा. उच्च कौशल, कम लागत, प्रतिभा और मूल्य निर्माण जैसी भारत की विशेषताएं दुनिया में अधिक प्रचारित-प्रसारित कर बहुराष्ट्रीय कंपनियों को भारत में और ज्यादा जीसीसी स्थापित करने के लिए प्रेरित करना होगा. 

हम उम्मीद करें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई सरकार के द्वारा उनके विकास के एजेंडे में शामिल अधिक रोजगार के मुद्दे को प्राथमिकता के साथ ध्यान में रखा जाएगा. हम उम्मीद करें कि नई सरकार नई सरकारी नौकरियों के सृजन पर पूर्णरूपेण ध्यान देते हुए लघु-मध्यम उद्योग और असंगठित क्षेत्र में रोजगार की जरूरतों पर ध्यान देगी. 

हम उम्मीद करें कि मोदी सरकार के श्रम और रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया और कौशल विकास व उद्यमिता राज्य मंत्री जयंत चौधरी 142 करोड़ से अधिक आबादी के साथ दुनिया की सर्वाधिक आबादी वाले भारत में दुनिया की सर्वाधिक युवा आबादी को नए उच्च गुणवत्ता वाले कौशल से सुसज्जित करके उनके चेहरों पर रोजगार की मुस्कुराहट देने के साथ देश की आर्थिक तस्वीर संवारने की संभावनाओं को साकार करने के लिए नई कारगर रणनीतियों के साथ आगे बढ़ेंगे.

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