इस समय देश के निर्यात संगठनों का कहना है कि वैश्विक निर्यात बाजार में निर्मित हो रहे नए निर्यात अवसरों को मुट्ठी में करने के लिए जरूरी है कि सरकार द्वारा देश के निर्यातकों की मुश्किलों को दूर किया जाए और उन्हें निर्यात बढ़ाने के लिए हर संभव सहारा दिय ...
देश की वित्तीय स्थिरता को बचाने और आर्थिक गिरावट थामने के लिए बाजार में करीब 50000 करोड़ रुपए की लिक्विडिटी के कई उपाय घोषित किए गए हैं. इनसे छोटे वित्तीय संस्थानों, किसानों और छोटे उद्योग-कारोबार से जुड़े लोगों को विशेष रूप से लाभ होगा. ...
वास्तव में कोरोना प्रकोप और लॉकडाउन के बीच सरकार ने अभी जो राहत दी है वह सराहनीय है लेकिन उद्योग कारोबार तथा कृषि व सर्विस सेक्टर में रोजगार बचाने के लिए वित्त मंत्नी को और अधिक खुले हाथों से राहत देनी होगी. ...
पहली अनुकूलता भारत की अर्थव्यवस्था का बहुत कुछ आत्मनिर्भर होना है और वैश्विक व्यापार पर भारत की निर्भरता का कम होना है. ऐसे में लॉकडाउन के बाद भारत की अर्थव्यवस्था के दुनिया की अन्य अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में पटरी पर लौटने की संभावनाएं अधिक हैं. ...
यकीनन 26 मार्च को कोरोना महामारी और देशव्यापी लॉकडाउन के बीच वित्त मंत्नी निर्मला सीतारमण द्वारा गरीब किसान, महिला एवं अन्य प्रभावित वर्गो के 100 करोड़ से अधिक लोगों को राहत पहुंचाने के लिए जो एक लाख 70 हजार करोड़ रुपए का बहुआयामी पैकेज घोषित किया गय ...
हाल ही में 22 मार्च को प्रकाशित यूनाइटेड नेशनल कांफ्रेंस ऑन ट्रेड एंड डेवलपमेंट की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2020 में 26 हजार करोड़ रुपए का कारोबार प्रभावित होने की आशंका है. ...
कोरोना वायरस (कोविद-2019) के प्रकोप से अर्थव्यवस्था की रफ्तार में गिरावट के साथ-साथ बेरोजगारी दर बढ़ने की आशंका बनी हुई है. यहां यह भी उल्लेखनीय है कि पिछले साल 2019 में बेरोजगारी पर प्रकाशित एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट में बताया गया था कि बेरोजगारी की दर ...
देश में टैक्स सुधार के एक महत्वपूर्ण कदम के तहत देश के आर्थिक इतिहास में पहली बार 5 फरवरी को वित्त मंत्नी निर्मला सीतारमण ने प्रत्यक्ष कर विवादों के समाधान की विवाद से विश्वास योजना को लागू करने के लिए लोकसभा में प्रत्यक्ष कर विधेयक पेश किया था. ...