जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉग: कोरोना संकट ने बढ़ाई रोजगार की चुनौती
By डॉ जयंती लाल भण्डारी | Published: March 26, 2020 03:43 PM2020-03-26T15:43:33+5:302020-03-26T15:43:33+5:30
हाल ही में 22 मार्च को प्रकाशित यूनाइटेड नेशनल कांफ्रेंस ऑन ट्रेड एंड डेवलपमेंट की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2020 में 26 हजार करोड़ रुपए का कारोबार प्रभावित होने की आशंका है.
कोरोना संकट के बीच देश के उद्योग कारोबार और प्रभावित लोगों को आर्थिक राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने रणनीतिक कदम आगे बढ़ाए हैं. 23 मार्च को देश की कंपनियों को विकल्प दिया गया है कि वे कारपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) का धन कोरोना प्रभावित लोगों के कल्याण पर खर्च कर सकती हैं. इसी तरह 23 मार्च को प्रधानमंत्नी नरेंद्र मोदी ने उद्योग कारोबार जगत के साथ बैठक आयोजित करके प्रभावित उद्योगों और कर्मचारियों को वित्तीय सहयोग देने संबंधी उपयोगी विचार मंथन किया है.
सरकार ने फार्मेसी सहित कुछ उद्योगों के लिए राहत पैकेज घोषित किए हैं. ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) सहित कई आर्थिक एवं औद्योगिक संगठनों ने कोरोना से जंग में भारत के प्रयासों की सराहना की है. वास्तव में कोरोना संकट से प्रभावित हो रही देश की अर्थव्यवस्था को संभालने और देश के उद्योग कारोबार को राहत देने तथा प्रभावित लोगों को वित्तीय सहयोग देने के लिए सरकार के और अधिक कदम जरूरी दिखाई दे रहे हैं.
हाल ही में 22 मार्च को प्रकाशित यूनाइटेड नेशनल कांफ्रेंस ऑन ट्रेड एंड डेवलपमेंट की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2020 में 26 हजार करोड़ रुपए का कारोबार प्रभावित होने की आशंका है. निश्चित रूप से जहां भारतीय अर्थव्यवस्था के तीनों क्षेत्नों - उद्योग, कृषि और सेवा के क्षेत्न में सुस्ती और निराशा का परिदृश्य दिखाई दे रहा है, वहीं देश के रोजगार परिदृश्य पर भी चिंताएं दिखाई दे रही हैं.
साथ ही 2020 में देश की जीडीपी में एक फीसदी की कमी आने की आशंका के अतिचिंताजनक आर्थिक परिदृश्य ने देश में पहले से ही बढ़ती जा रही रोजगार समस्या को और चुनौतीपूर्ण बना दिया है.
ऐसे में कोरोना प्रकोप से देश में बढ़ रही रोजगार चुनौतियों का सामना करने के लिए महत्वपूर्ण रणनीतिक कदम जरूरी हैं. जिन उद्योगों में उत्पादन प्रभावित होने से लोगों का रोजगार जा रहा है, उन उद्योगों को सरकारी सहारा दिया जाना जरूरी है. सरकार को यह निगरानी रखनी होगी कि उद्योग-कारोबार अपने कर्मचारियों को बिना वेतन अवकाश पर न भेजें.
चूंकि देश में सबसे अधिक रोजगार छोटे उद्योगों के द्वारा दिया जाता है, देश के करीब साढ़े सात करोड़ छोटे उद्योगों में करीब 18 करोड़ लोगों को नौकरी मिली हुई है. अतएव छोटे उद्योगों को प्रोत्साहन देकर उनमें कार्यरत लोगों की नौकरियों को बचाया जाना होगा. साथ ही सरकारी विभागों में रिक्त पदों पर तत्परता से नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए.
हम आशा करें कि कोरोना प्रकोप के बाद अब जो रोजगार चुनौतियां बढ़ गई हैं, उनके मद्देनजर सरकार ने वर्ष 2020-21 के नए बजट के तहत रोजगार अवसरों में वृद्धि के लिए जो घोषणाएं की हैं, उन्हें पूरा किया जाएगा.