जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉग: आम आदमी को राहत देने की दिशा में रिजर्व बैंक का कदम

By डॉ जयंती लाल भण्डारी | Published: April 20, 2020 12:41 PM2020-04-20T12:41:28+5:302020-04-20T12:41:28+5:30

देश की वित्तीय स्थिरता को बचाने और आर्थिक गिरावट थामने के लिए बाजार में करीब 50000 करोड़ रुपए की लिक्विडिटी के कई उपाय घोषित किए गए हैं. इनसे छोटे वित्तीय संस्थानों, किसानों और छोटे उद्योग-कारोबार से जुड़े लोगों को विशेष रूप से लाभ होगा.

Jayantilal Bhandari blog: RBI step towards giving relief to common man | जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉग: आम आदमी को राहत देने की दिशा में रिजर्व बैंक का कदम

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)

यकीनन कोरोना से बढ़ती चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार के द्वारा पिछले दिनों बैंकिंग क्षेत्न तथा करदाताओं को जो राहत दी गई है, वह सराहनीय है. गौरतलब है कि 17 अप्रैल को रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने अर्थव्यवस्था में लिक्विडिटी बढ़ाने के नए कदमों का ऐलान किया है. देश की वित्तीय स्थिरता को बचाने और आर्थिक गिरावट थामने के लिए बाजार में करीब 50000 करोड़ रुपए की लिक्विडिटी के कई उपाय घोषित किए गए हैं. इनसे छोटे वित्तीय संस्थानों, किसानों और छोटे उद्योग-कारोबार से जुड़े लोगों को विशेष रूप से लाभ होगा.

इसी तरह कोरोना संकट की चुनौतियों का सामना कर रहे देश के करदाताओं को दो तरह की राहत दी गई है. एक, सरकार ने आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 30 जून 2020 की है. एडवांस टैक्स, टीडीएस के लेट पेमेंट पर सिर्फ 9 प्रतिशत ब्याज लगेगा. 5 करोड़ से अधिक टर्नओवर वाली कंपनियां जून के आखिरी सप्ताह तक रिटर्न फाइल कर सकती हैं. पैन-आधार लिंकिंग की  समयसीमा 30 जून की गई है. दूसरा, 1 अप्रैल 2020 से लागू किए गए वित्त वर्ष 2020-21 के बजट के तहत प्रत्यक्ष कर सुधार (डायरेक्ट टैक्स रिफॉर्म) की दो बड़ी योजनाओं को मूर्त रूप दिया गया है. इससे बड़ी संख्या में देश के करदाता लाभान्वित होंगे. इन दो बड़ी योजनाओं में से एक योजना प्रत्यक्ष कर विवादों के समाधान के लिए विवाद से विश्वास योजना है और दूसरी करदाताओं के अधिकारों के लिए करदाता चार्टर को लागू करने से संबंधित है.

गौरतलब है कि देश में पहली बार प्रत्यक्ष कर विवादों के समाधान की विवाद से विश्वास योजना के तहत 30 जून तक विवादित बकाया टैक्स का भुगतान करने पर टैक्स पेयर्स को टैक्स पर लगने वाले ब्याज एवं जुर्माने से मुक्त कर दिया जाएगा. देश में करीब 4,83,000 प्रत्यक्ष कर विवादों के मामलों में 30 नवंबर, 2019 तक 9,96,829 लाख करोड़ रुपए का कर फंसा हुआ है. इनमें से 5,02,157 करोड़ रुपए कॉर्पोरेट टैक्स से जुड़े हैं तथा 4,94,671 करोड़ रु पए आयकर से संबंधित हैं.

अब करदाता लंबित कर मामलों के परिप्रेक्ष्य में लागत और लाभ का विश्लेषण करेंगे, अपने मुकदमों को समाप्त करने के लिए उपयुक्त विवरण जमा करेंगे और इन विवादों पर अदालत की कार्यवाही बने रहने की संभावनाओं को समाप्त कर देंगे. यह बात महत्वपूर्ण है कि विवाद से विश्वास योजना को पिछले वर्ष 2019 में अप्रत्यक्ष कर विवाद संबंधी मामलों के लिए लाई गई समाधान योजना की सफलता के आधार पर पर ही प्रस्तुत किया गया है. पिछली समाधान योजना के तहत करीब 2,00,000 करोड़ रुपए के कर संबंधी विवादों का निपटारा किया गया था.

इस योजना को सफल बनाने के लिए सरकार कितनी दृढ़संकल्प है इसका अनुमान केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के द्वारा प्रत्यक्ष कर से संबंधित अधिकारियों को भेजे गए उस परिपत्न से लगाया जा सकता है, जिसमें कहा गया है कि भविष्य में प्रत्यक्ष कर से संबंधित आधिकारियों की वार्षिक वेतनवृद्धि और पदोन्नति विवाद से विश्वास योजना के तहत उनके द्वारा किए गए कार्य प्रस्तुतिकरण पर निर्भर करेगी.

निश्चित रूप से विवाद से विश्वास योजना की समयावधि 30 जून तक बढ़ाया जाना करदाताओं के लिए एक लाभप्रद मौका है और उम्मीद की जा रही है कि बड़ी संख्या में करदाता इस योजना का लाभ लेंगे. हम उम्मीद करें कि कर संबंधी विवादों का समाधान करने के परिप्रेक्ष्य में विवाद से विश्वास योजना आखिरी योजना के रूप में दिखाई देगी. यह पाया गया है कि कई बार ईमानदार करदाता विवाद से विश्वास जैसी योजनाओं को नैतिक मानदंडों के उपयुक्त नहीं मानते हैं. इसलिए यह उपयुक्त होगा कि अब 30 जून 2020 के बाद कर संबंधी विवादों के समाधान के लिए कोई नई विश्वास योजना लाने से बचा जाएगा और कोई उपयुक्त नवाचारी समाधान ही तलाशे जाएंगे।

Web Title: Jayantilal Bhandari blog: RBI step towards giving relief to common man

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