जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉग: महाआपदा के बीच पांच आर्थिक अनुकूलताएं

By डॉ जयंती लाल भण्डारी | Published: April 6, 2020 05:55 AM2020-04-06T05:55:51+5:302020-04-06T05:55:51+5:30

पहली अनुकूलता भारत की अर्थव्यवस्था का बहुत कुछ आत्मनिर्भर होना है और वैश्विक व्यापार पर भारत की निर्भरता का कम होना है. ऐसे में लॉकडाउन के बाद भारत की अर्थव्यवस्था के दुनिया की अन्य अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में पटरी पर लौटने की संभावनाएं अधिक हैं.

Jayantilal Bhandari Blog: Five Economic Compatibilities in time of pandemic Coronavirus | जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉग: महाआपदा के बीच पांच आर्थिक अनुकूलताएं

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)

कोरोना संकट के बीच एक के बाद एक प्रकाशित हो रही विभिन्न वैश्विक रिपोर्टो में यह बताया जा रहा है कि भारत कोरोना से जंग के लिए सही दिशा में आगे बढ़ रहा है. ऐसे में जहां दुनिया की अर्थव्यवस्था वैश्विक मंदी की चुनौतियों की तरफ आगे बढ़ रही है वहीं भारत की अर्थव्यवस्था कम प्रभावित होते हुए दिखाई दे रही है. हाल ही में 3 अप्रैल को एशियन डेवलपमेंट बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वर्ष 2020 में भारत की विकास दर घटने के बाद भी यह चार प्रतिशत के आसपास रहेगी.

इसी तरह विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 2 अप्रैल को प्रकाशित अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत ने कोरोना के खिलाफ जिस तरह जल्दी लॉकडाउन करके खतरे को कम किया है, उसका भारत को लाभ मिलेगा. अमेरिका और इटली जैसे देशों ने लॉकडाउन का फैसला लेने में जो विलंब किया उससे इन देशों को अधिक नुकसान उठाना पड़ रहा है.

इसी तरह 31 मार्च को संयुक्त राष्ट्र ने अपनी ट्रेड रिपोर्ट में कहा है कि दुनिया आर्थिक महामंदी की ओर आगे बढ़ रही है. इससे दुनिया के अधिकांश विकासशील देश मुश्किलों में आएंगे. लेकिन कोरोना प्रकोप का चीन और भारत पर बहुत कम असर होगा.

नि:संदेह कोरोना संकट और लॉकडाउन की चुनौतियों के बीच देश में 5 महत्वपूर्ण आर्थिक अनुकूलताएं उभरकर दिखाई दे रही हैं जो न केवल देश की गिरती हुई अर्थव्यवस्था को सहारा दे सकती हैं, अपितु देश के करोड़ों लोगों को जीवनयापन में अधिक मुश्किलों से भी बचा सकती हैं. इनमें पहली अनुकूलता भारत की अर्थव्यवस्था का बहुत कुछ आत्मनिर्भर होना है और वैश्विक व्यापार पर भारत की निर्भरता का कम होना है. ऐसे में लॉकडाउन के बाद भारत की अर्थव्यवस्था के दुनिया की अन्य अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में पटरी पर लौटने की संभावनाएं अधिक हैं.

दूसरी अनुकूलता देश के सर्विस सेक्टर में आईटी उद्योग की महत्वपूर्ण भूमिका से संबंधित है. इस समय भारत पूरी दुनिया में सॉफ्टवेयर की दृष्टि से पहले क्र म पर है. यह बात भी महत्वपूर्ण है कि देश में लॉक डाउन के बीच भी देश की सभी आईटी कंपनियां वर्क फ्रॉम होम के तहत सफलतापूर्वक काम करते हुए दिखाई दे रही हैं. तीसरी अनुकूलता देश में पर्याप्त खाद्यान्न भंडार से संबंधित है.

चौथी अनुकूलता वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में भारी कमी से संबंधित है. पांचवीं बड़ी अनुकूलता देश में सोने के आयात में भारी कमी से संबंधित है. इनसे देश के विदेश व्यापार की अत्यधिक प्रतिकूलताओं से बचा जा सकेगा. हम आशा करें कि कोरोना प्रकोप से आर्थिक महामारी का सामना कर रही भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए वर्ष 2020 के अंत तक कोरोना प्रकोप की चुनौतियां कुछ कम हो सकेंगी.

Web Title: Jayantilal Bhandari Blog: Five Economic Compatibilities in time of pandemic Coronavirus

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