ढाका: भारतीय जनता पार्टी की निलंबित राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर की गई विवादास्पद टिप्पणी करने के संबंध में पड़ोसी बांग्लादेश ने इसे भारत का आंतरिक मामला बताते हुए इस मुद्दे पर किसी भी तरह की आधिकारिक प्रतिक्रिया से इनकार कर दिया है।
जबकि कई मुस्लिम राष्ट्र मसलन सऊदी अरब, कतर, कुवैत और यूएई जैसे देशों ने इस मामले में भारत सरकार को सीधे कटघरे में खड़ा करते हुए पैगंबर विवाद पर स्पष्टीकरण देने की मांग की थी।
वहीं बांग्लादेश के इतर भारत के अन्य पड़ोसी देश मसलन तालिबान शासन वाले अफगानिस्तान और आर्थिक तंगहाली की मार झेल रहा पाकिस्तान खासे आक्रामक नजर आ रहे हैं। वैसे भी राजनीतिक तौर पर हमेशा अस्थीर स्थिति में रहने वाला पाकिस्तान भारत विरोध का कोई भी मौके छोड़ने से काफी गुरेज करता है।
लेकिन आश्चर्यजनक तौर पर मुस्लिम बहुसंख्यक पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश ने पैगंबर विवाद में अपवाद पैदा करते हुए इसे भारत का आंतरिक मामला बताया है।
बांग्लादेश ने भारत के साथ पड़ोसी धर्म निभाते हुए न सिर्फ पैगंबर विवाद में भारत के खिलाफ बयान देने से इनकार कर दिया है बल्कि उसने यह कहते हुए भारत सरकार की तारीफ की है कि भारत सरकार ने इस विवाद में उचित कानूनी कार्रवाई की है और इसके लिए बांग्लादेश ने भारत सरकार का धन्यवाद भी कहा है।
पैगंबर विवाद के प्रश्न पर बांग्लादेश के सूचना एवं प्रसारण मंत्री डॉ हसन महमूद ने शनिवार को ढाका में कहा कि पैगंबर मोहम्मद पर दिया गया विवादित बयान का मसला भारत का आंतरिक मामला है और ढाका सरकार इस पर किसी भी तरह की प्रतिक्रिया नहीं देगी।
मंत्री डॉ हसन महमूद ने बड़ी संजीदगी से भारत का पक्ष लेते हुए कहा, "सबसे पहली बात तो यह है कि यह विवाद बांग्लादेश के लिए पूरी तरह से बाहरी मामला है। हम मानते हैं कि यह भारत का आंतरिक मामला है और इसका बांग्लादेश से कोई संबंध नहीं है। इसलिए बाग्लादेश सरकार को इस विवाद में कुछ भी कहने की जरूरत नहीं है।"
मंत्री महमूद ने इस विषय में भारतीय पत्रकारों से एक अनौपचारिक बातचीत में कहा कि भारत सरकार ने इस विवाद को खत्म करने के लिए बखूबी पहल किया है, बांग्लादेश बीजेपी को धन्यवाद देती है कि उसने विवादित टिप्पणी करने वाले नेताओं का पार्टी से निलंबित कर दिया है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा, ऊारतीय अधिकारियों ने इस विवाद में स्पष्ट किया है कि इस मुद्दे को अब आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। इस्लामिक देशों के विरोध के बावजूद बांग्लादेश के इस स्टैंड के बारे में महमूद ने कहा, "हम स्पष्ट कर रहे हैं कि बांग्लादेश सरकार कहीं भी और कभी भी पैगंबर मोहम्मद के अपमान की निंदा करता है लेकिन भारत सरकार ने इस विवाद के खात्मे के लिए कठोर कार्रवाई की है। इसलिए हम उनका धन्यवाद देते हैं, हम उम्मीद करते हैं कि कानून के मुताबिक इस मामले में काम होगा।"
वहीं अन्य इस्लामिक देशों के रूख की परोक्ष आलोचना करते हुए बांग्लादेश के मंत्री डॉ हसन महमूद ने कहा, "मैं इस विवादित मुद्दे को भड़काने का क्यूं प्रयास करूं? आखिर क्यों मैं इस विवाद में आग लगाने का प्रयास करूं? विवाद पर पहले से ही काफी चर्चा हो रही? लेकिन मेरा काम नहीं है कि मैं इस मसले में आग लगाऊं।"
मालूम हो कि पैगंबर विवाद के विरोध में बीते शुक्रवार को जुमे के दिन बांग्लादेश की राजधानी ढाका में कुछ मुस्लिम समूहों ने अलग-अलग जगहों पर भाजपा के निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया था। इस विरोध में ढाका की प्रमुख मस्जिदें शामिल थी।
वहीं इसके साथ ही बांग्लादेश के विपक्षी दलों और इस्लामिक संगठनों ने इस विवाद में मोदी सरकार की आलोचना करते हुए उनसे मांग की कि वो भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा और दिल्ली भाजपा के मीडिया सेल के निलंबित प्रभारी नवीन जिंदल के खिलाफ कड़ा एक्शन लें। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)