(योषिता सिंह)
न्यूयॉर्क, 26 नवंबर न्यूयॉर्क में भारत के महावाणिज्य दूत रणधीर जायसवाल ने इजराइली राजनयिकों के साथ, 2008 के मुंबई आतंकी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए मजबूत वैश्विक सहयोग की जरूरत है।
मुंबई में 26 नवंबर 2008 को भीषण आतंकवादी हमला हुआ था।
जायसवाल ने बुधवार को एक ऑनलाइन स्मरण कार्यक्रम में कहा, ‘‘इस दुनिया के लिए, वैश्विक समुदाय के लिए,हमारे लिए और न्याय के लिए यह महत्वपूर्ण है, कि उस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे लाया जाए। पाकिस्तान को इस जघन्य अपराध के दोषियों को सजा दिलाने के लिए जो जरूरी है, वह करना चाहिए।”
गौरतलब है कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के दस आतंकवादियों ने पूरे मुंबई में चार दिन तक 12 आतंकवादी हमलों को अंजाम दिया था। 26 नवंबर 2008 से शुरू हुए इन हमलों में छह अमेरिकियों और नौ आतंकवादियों सहित कम से कम 166 लोग मारे गए थे और 300 से अधिक लोग घायल हुए थे।
आतंकवादियों ने ताजमहल होटल, ओबेरॉय होटल, लियोपोल्ड कैफे, नरीमन (चबाड) हाउस और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस रेलवे स्टेशन आदि को निशाना बनाया था।
अमेरिकन इंडिया पब्लिक अफेयर्स कमेटी और अमेरिकी यहूदी समिति द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में जायसवाल ने 26/11 के हमलों को 'इतिहास का सबसे भयानक हमला' बताया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद दुनिया के सामने मौजूद सबसे बड़े खतरों में से एक है।
जायसवाल ने कहा ‘‘कोविड-19 के समय जिस तरह पूरी दुनिया इस महामारी से एकजुट हो कर लड़ रही है, उसी तरह हमें आतंकवाद से लड़ने के लिए एकजुट होना चाहिए जो एक वैश्विक समस्या है। इस मौके पर हम उन लोगों को याद करें जो आतंकी हमले में लहुलुहान हुए और जिन्होंने हमारा आज और हमारा कल बचाने के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी।’’
न्यूयार्क में इजराइल के कार्यवाहक महावाणिज्यदूत इजराइल नित्जान ने कहा कि नवंबर 2008 में मुंबई में निर्दोष भारतीय नागरिकों और विदेशी पर्यटकों पर किए गए ‘‘बर्बर आतंकवादी हमलों’’ से उनका देश ‘‘स्तब्ध’’ रह गया था।
उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत, अमेरिका और इजराइल के लोकतांत्रिक मूल्य और इस तरह के अनुभव लगभग एक जैसे हैं। ‘‘मुंबई में हुए इस भयावह हमले के दुखद परिणामों ने हमें मजबूती दी है और हमारे संबंध गहरे हुए हैं। ’’
भारत के उप महावाणिज्य दूत शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि इन जघन्य हमलों के 12 साल बाद भी इसके षड्यंत्रकारी आजाद घूम रहे हैं।
अमेरिकन इंडिया पब्लिक अफेयर्स कमेटी के अध्यक्ष जगदीश सवहानी ने विश्वास जताया कि बाइडन प्रशासन आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ खड़ा रहेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता हो।
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