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Coronavirus: लॉकडाउन के कारण भारत समेत विदेशों में फंसे 22,000 अमेरिकियों को एयरलिफ्ट करेगा अमेरिका

By भाषा | Updated: April 5, 2020 16:30 IST

दूतावास संबंधित मामलों के प्रधान उप सहायक मंत्री इयान ब्राउनली ने शुक्रवार को अमेरिकी लोगों से जितनी जल्दी हो सके वतन वापसी को कहा है। उन्होंने कहा, 'जो अमेरिकी नागरिक अभी यह विचार कर रहे हैं कि वतन लौटना है या नहीं, अब समय कार्रवाई का है। उड़ानें अनिश्चित समय के लिये जारी नहीं रहेंगी, लेकिन हम जब तक आपकी मदद कर सकते हैं तब तक हरसंभव सहायता का प्रयास करेंगे।'

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ठळक मुद्देअधिकतर अमेरिकी दक्षिण और मध्य एशिया में हैं, जिनमें से कई भारत में हैं।दूतावास संबंधित मामलों के प्रधान उप सहायक मंत्री इयान ब्राउनली ने शुक्रवार को संवाददाताओं को एक कॉन्फ्रेंस कॉल के दौरान बताया कि महामारी के कारण अमेरिका विदेशों में फंसे करीब 37 हजार अमेरिकियों को अब तक वापस ला चुका है।

वॉशिंगटन: अमेरिकाकोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के कारण भारत समेत कई देशों में फंसे अपने करीब 22 हजार नागरिकों को एयरलिफ्ट करेगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। दूतावास संबंधित मामलों के प्रधान उप सहायक मंत्री इयान ब्राउनली ने शुक्रवार को संवाददाताओं को एक कॉन्फ्रेंस कॉल के दौरान बताया कि महामारी के कारण अमेरिका विदेशों में फंसे करीब 37 हजार अमेरिकियों को अब तक वापस ला चुका है और उसकी योजना अब 22 हजार और अमेरिकियों को लाने की है जिसमें से कई दक्षिण एशिया, खासकर भारत में हैं। 

ब्राउनली ने कहा, 'हम 400 से ज्यादा उड़ानों के जरिये 60 से ज्यादा देशों में फंसे करीब 37 हजार अमेरिकी नागरिकों को वापस ला चुके हैं। इनमें पिछले हफ्ते ही वापस लाए गए 20 हजार से ज्यादा अमेरिकी शामिल हैं।' उन्होंने कहा कि अमेरिकी विदेश विभाग की तरफ से आगामी दिनों में करीब 70 उड़ानें निर्धारित हैं और इनसे कुछ और हजार अमेरिकियों के वतन लौटने की उम्मीद है। 

ब्राउनली ने कहा, 'दक्षिण एशिया में अब सबसे ज्यादा अमेरिकी नागरिक हैं जो वापस लौटना चाहते हैं। अमेरिका अब तक लगभग 1000 अमेरिकी नागरिकों को दक्षिण एशिया से वापस ला चुका है। उन हजारों लोगों को वापस लाने की योजना पर भी तेजी से काम चल रहा है जिन्होंने वतन वापसी की इच्छा जाहिर की है।' 

उन्होंने कहा, 'फिलहाल कुल आंकड़ा जो अभी हम विदेशों में देख रहे हैं वह 22,000 का है। इनमें से अधिकतर दक्षिण और मध्य एशिया में हैं, जिनमें से कई भारत में हैं।' ब्राउनली ने अमेरिकी लोगों से जितनी जल्दी हो सके वतन वापसी को कहा है।

उन्होंने कहा, 'जो अमेरिकी नागरिक अभी यह विचार कर रहे हैं कि वतन लौटना है या नहीं, अब समय कार्रवाई का है। उड़ानें अनिश्चित समय के लिये जारी नहीं रहेंगी, लेकिन हम जब तक आपकी मदद कर सकते हैं तब तक हरसंभव सहायता का प्रयास करेंगे।'

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