किसान आंदोलनसरकारी नुकीली कीलों को 'सहला' रहे किसानों के फूलकेंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन अब भी जारी है। सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी किसानों का हौसला टस से मस नहीं हुआ। गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर परेड में हिंसा के बाद सरकार द्वारा किसानों को रोकने के लिए रास्तों में नुकीली कीलें और कंटीले तार बिछा दिये गए। गाजीपुर, सिंघु व दिल्ली के तमाम बॉर्डर पर सुरक्षा के ऐसे बंदोबस्त आजतक देखने को नहीं मिले थे। सरकार व प्रशासन की तरफ से नुकीली कीलें और कंटीले तार लगाने की तस्वीरें इन दिनों सोशल मीडिया पर बहस का मुद्दा बनी हुई है। अब बात करते हैं किसानों की तो ये जान लीजिए कि आलम यह है कि राकेश टिकैत की अगुवाई में किसान अब पीछे हटने के मूड में नहीं दिख रहे। इसका जीता-जागता उदाहरण गाजीपुर बॉर्डर पर देखने को मिला है। गाजीपुर बॉर्डर पर जहां प्रशासन द्वारा नुकीली कीलें लगवाई गई थीं वहीं किसान नेता राकेश टिकैत और तमाम किसानों ने मिट्टी डालकर फूल के पौधे लगाए हैं। किसानों का यहां तक कहना है कि वे उन जगहों पर खेती भी करेंगे। आइये आपको सीधा लेकर चलते हैं गाजीपुर बॉर्डर पर जहां हमारे संवाददाता धीरज मौजूद हैं... किसान देश भर में करेंगे कल चक्का जामइस बीच किसानों यूनियनों का चक्का जाम 6 फरवरी को देश भर में प्रस्ताविक है। चक्का जाम दोपहर 12 बजे से दोपहर तीन बजे तक देश भर में सड़कों को अवरुद्ध किया जाएगा। किसान यूनियनों के अनुसार हालांकि राजधानी दिल्ली में चक्का जाम करने की कोई योजना नहीं है। साथ ही उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भी चक्का जाम नहीं होगा। बहरहाल, प्रदर्शन को देखते हुए स्थलों के पास दिल्ली के विभिन्न बार्डर पर सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी कर दी गई है।