दिल्ली में किसान प्रदर्शन के नाम पर हुई हिंसा के बाद अब इस मामले पर गृह मंत्रालय ने सख्ती दिखाई है. इस घटना के बाद से ही दिल्ली पुलिस एक्शन मोड में हैं और लगातार कई थानों में अबतक 22 FIR दर्ज किए जा चुके हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ बवाल की जांच दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के पास जाएगी. क्राइम ब्रांच की SIT बनाने की तैयारी है, जो इस पूरे घटनाक्रम की जांच करेगी. दिल्ली पुलिस इस मामले की तह तक जाना चाहती है कि आखिर कैसे किसानों ने तय समय से पहले परेड शुरू कर दी. इसके साथ ही किसके उकसाने पर किसान उग्र हो गए और देश की शान लाल किले पर जाकर प्रदर्शन करने लगे और वहां निशान साहिब का झंडा फहरा दिया.हिंसा की तह तक जाने के लिए पुलिस सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की भी मदद ले रही है. वही दिल्ली पुलिस ने बताया की कल की हिंसा को लेकर IPC की धारा 395 (डकैत), 397 (लूट या डकैत, मारने या चोट पहुंचाने की कोशिश), 120 बी (आपराधिक साजिश की सजा) और अन्य धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है। क्राइम ब्रांच द्वारा जांच की जाएगी. पुलिस सूत्रों के अनुसार, किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में हुई हिंसा में कुल 230 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. वही कई किसान नेताओं ने दावा किया है की अभिनेता दीप सिद्धू, दूसरा बठिंडा का गैंगस्टर रह चुका लक्खा सिधाना और तीसरे यूपी के बड़े किसान नेता राकेश टिकैत हैं जिन्होंने इस हिंसा को बड़ावा दिया है आरोप है कि इन तीनों लोगों ने हिंसा के लिए उकसाया. सिंघु बॉर्डर पर मौजूद किसानों ने दावा किया है कि दीप सिद्धू और लक्खा सिधाना ने युवाओं को लाल किले पर जाने के लिए कहा था. जबकि राकेश टिकैत के एक वायरल वीडियो के बाद बीजेपी ने उन पर सवाल उठाए हैं.