भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ( ICMR) ने उस रिसर्च को झूठा बताया है जिसमें दावा किया है कि नवंबर के मध्य में भारत में कोरोना वायरस अपने चरम पर होगा। ICMR ने कहा है कि यह दावा मामले की आधिकारिक स्थिति को प्रतिबिंबित नहीं करता। ICMR ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा, 'आईसीएमआर को इस रिसर्च का श्रेय देने वाली खबरें भ्रामक हैं। रिसर्च आईसीएमआर ने नहीं किया है और आईसीएमआर की आधिकारिक स्थिति को नहीं दर्शाता है।' प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, यह अध्ययन ICMR की ओर से गठित एक ग्रुप के रिसर्चर्स द्वारा किया गया था। इस रिसर्च में कहा गया है कि लॉकडाउन ने संक्रमण के मामलों में 69 से 97 प्रतिशत तक कमी कर दी, जिससे स्वास्थ्य प्रणाली को संसाधन जुटाने एवं बुनियादी ढांचा मजबूत करने में मदद मिली।