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Bird Flu: बर्ड फ्लू क्या है? क्यों होता है? किसे है खतरा? इलाज और लक्षण जानें सबकुछ

By गुणातीत ओझा | Updated: January 5, 2021 21:13 IST2021-01-05T21:10:48+5:302021-01-05T21:13:43+5:30

कोरोना महामारी से अभी निजात नहीं मिली थी कि अब बर्ड फ्लू डराने लगा है। कई राज्यों में हुई अब तक लाखों पक्षियों की मौत के पीछे बर्ड फ्लू के कारण से सरकार की चिंता बढ़ गई है।

बर्ड फ्लू क्या है? क्यों होता है? किसे है खतरा? इलाज और लक्षण

कोरोना महामारी से अभी निजात नहीं मिली थी कि अब बर्ड फ्लू डराने लगा है। कई राज्यों में हुई अब तक लाखों पक्षियों की मौत के पीछे बर्ड फ्लू के कारण से सरकार की चिंता बढ़ गई है। पंजाब, मध्य प्रदेश और झारखंड ने बीमारी को लेकर अलर्ट जारी किया है। पक्षियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद एक बार फिर बीमारी ने गंभीरता को नए सिरे से समझने का मौका दिया है। इन परिस्थितियों में बर्ड फ्लू के बारे में जान लेना खुद को सुरक्षित रखने के लिए बहुत जरूरी है। आइये आपको बताते हैं बर्ड फ्लू के बारे में आखिर यह बीमारी है क्या.. इसके लक्षण क्या हैं.. किन लोगों को इस फ्लू से ज्यादा खतरा है और इसका इलाज क्या है।

बर्ड फ्लू को एवियन इन्फ्लुएंजा भी कहा जाता है। ये वायरल संक्रमण है जो न सिर्फ पक्षियों को संक्रमित करता है बल्कि इंसानों के अलावा जानवरों को भी संक्रमित करता है। एवियन इन्फ्लुएंजा की सबसे ज्यादा पक्षियों के लिए खतरनाक होता है और संपर्क में आने वाले इंसानों और जानवरों को आसानी से संक्रमित कर सकता है। फिलहाल, इंसान से इंसान तक वायरस के फैलने की पुष्टि नहीं हुई है। फिर भी, कुछ विशेषज्ञों की चिंता महामारी के खतरों को लेकर है।

इन राज्यों में बीमारी से पक्षियों की मौत के मामले

राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और केरल ने सोमवार को बर्ड फ्लू की पुष्टि की। सैंकड़ों पक्षियों की मौत के पीछे बर्ड फ्लू को कारण माना गया है। पंजाब, मध्य प्रदेश और झारखंड समेत कई राज्यों ने बीमारी की गंभीरता को देखते हुए अलर्ट भी जारी कर दिया है। हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा जिले के पोंग डैम जलाशय के पास 2300 प्रवासी पक्षियों की मौत हो गई। एहतियात के तौर पर राज्य सरकार ने जिले के कई इलाकों में पॉल्ट्री के मारने, खरीद और बिक्री को बैन कर दिया। पशुपालन विभाग को बीमारी के फैलाव को रोकने के लिए रिस्पॉन्स टीम का गठन करने का आदेश दिया गया है। केरल के अलप्पुझा और कोट्टायम में भी बीमारी से 12 हजार बत्तखों की जान चली गई। मौत के पीछे बर्ड फ्लू कारण था। राजस्थान के झालावाड़, जयपुर, कोटा, जोधपुर, बीकानेर और दौसा जिले में भी बर्ड फ्लू के मामलों की पुष्टि हुई है। सोमवार तक बीमारी से मरनेवालों पक्षियों में ज्यादातर कौओं की संख्या थी।

बर्ड फ्लू के लक्षण

बर्ड फ्लू होने पर आपको कफ, डायरिया, बुखार, सांस से जुड़ी दिक्कत, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, गले में खराश, नाक बहना और बेचैनी जैसी समस्या हो सकती है। अगर आपको लगता है कि आप बर्ड फ्लू की चपेट में आ गए हैं तो किसी और के संपर्क में आने से पहले डॉक्टर को दिखाएं।

क्यों होता है बर्ड फ्लू

बर्ड फ्लू कई तरह के होते हैं लेकिन H5N1 पहला ऐसा एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस है जो इंसानों को संक्रमित करता है। इसका पहला मामला 1997 में हॉन्ग कॉन्ग में आया था। उस समय बर्ड फ्लू के प्रकोप को पोल्ट्री फार्म में संक्रमित मुर्गियों से जोड़ा गया था।

किन लोगों को खतरा

H5N1 में लंबे समय तक जीवित रहने की क्षमता होती है। संक्रमित पक्षियों के मल और लार में ये वायरस 10 दिनों तक जिंदा रहता है। दूषित सतहों को छूने से ये संक्रमण फैल सकता है। अगर इसके फैलने का सबसे ज्यादा खतरा मुर्गीपालन से जुड़े लोगों को होता है। इसके अलावा संक्रमित जगहों पर जाने वाले, संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने वाले, कच्चा या अधपका मुर्गा-अंडा खाने वाले या संक्रमित मरीजों का देखभाल करने वाले लोगों को भी बर्ड फ्लू हो सकता है। 

क्या है इलाज

अलग-अलग तरह के बर्ड फ्लू का अलग-अलग तरीकों से इलाज किया जाता है लेकिन ज्यादतर मामलों में एंटीवायरल दवाओं से इसका इलाज किया जाता है। लक्षण दिखने के 48 घंटों के भीतर इसकी दवाएं लेनी जरूरी होती हैं। बर्ड फ्लू से संक्रमित व्यक्ति के अलावा उसके संपर्क में आए घर के अन्य सदस्यों को भी ये दवाएं ली जाने की सलाह दी जाती है, भले ही उन लोगों में बीमारी के लक्षण ना हों।
 
कैसे करें बचाव

इन्फ्लूएंजा से बचने के लिए डॉक्टर आपको फ्लू की वैक्सीन लगवाने की सलाह दे सकते हैं। इसके अलावा आप खुले बाजर में जाने, संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने और अधपका चिकन खाने से बचें। हाइजीन बनाए रखें और समय-समय पर अपने हाथ धोते रहें।

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