जीका वायरस एडीज मच्छर से फैलता है। जीका वायरस का पहला मामला वर्ष 1947 में युगांडा में पाया गया था। इसके बाद दशकों तक इसके बेहद कम मामले सामने आए जिस कारण वैज्ञानिकों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। लेकिन 2013 के बाद और विशेषकर 2015 में इसके कई मामले सामने आए और ब्राजील की एक बड़ी आबादी इसकी चपेट में आने लगी। जीका वायरस से प्रभावित शख्स को काफी तेज बुखार आता है, जोड़ों में दर्द होता है और शरीर पर रेशेज (लाल धब्बे) हो जाते हैं। Read More
केरल संक्रमण की दोहरी मार झे रहा है । राज्य में कोरोना वायरस के बाद अब जीका वायरस कहर फैला रहा है । राज्य में चार नए मामलों सहित कुल 23 मामले दर्ज किए गए हैं । ...
कोरोना वायरस महामारी के बीच केरल में जीका वायरस नाम की बीमारी ने भी दस्तक दी है । केरल में इसके 10 मामले सामने आए हैं और यह मच्छर से फैलने वाली बीमारी है । ...
Zika Virus का कोई टीका या उपचार नहीं था। वैज्ञानिकों ने जीका वायरस से लड़ाई के लिए एक टीका विकसित किया है। उन्होंने इसका सफल परीक्षण चूहों और बंदरों पर किया है। ...
शोधकर्ताओं ने जीका विषाणु के छह प्रतिरक्षी (एंटीबॉडी) विकसित किए हैं जिससे इस मच्छर जनित रोग का पता लगाने और उसका इलाज करने में मदद मिल सकती है. दुनिया में 15 लाख से ज्यादा लोग जीका से संक्रमित हो चुके हैं.भारतीय मूल के शोधकर्ता और अमेरिका की लोयोला ...
जीका वायरस मच्छरों के काटने से होने वाली एक वायरल बीमारी है। इसका वाहक येलो फीवर फैलाने वाले एडीज इजिप्टी मच्छर होते हैं। इस वायरस की वजह से गर्भ में पल रहे बच्चे का मस्तिषक पूरी तरह विकसित नहीं हो पाता है और यह एक स्थाई समस्या बन जाती है। ...