हर साल जब भी भारत सरकार आम बजट पेश करती है तो नौकरीपेशा और व्यापारियों की खास नजर टैक्स यानी आयकर को लेकर हुए घोषणाओं पर होती है। इसके तहत सरकार टैक्स स्लैब और दूसरी छूट से संबंधित घोषणा करती है। कोई भी छूट या टैक्स स्लैब को बढ़ाने से जुड़ी घोषणा मध्यमवर्ग परिवारों के लिए बड़ी राहत लेकर आती है। ऐसे में सभी की नजर इस पर होती है। सरकार इससे जुड़े फैसले कई कारकों को देखकर लेती है। इसमें लोगों की आय, रोजगार सृजन, विकास आदि अहम हैं। Read More
इस वर्ष के पहले सरकार ने सिस्टम के आईटी अपग्रेडेशन के कारण बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के 50 से अधिक वैधानिक फॉर्म दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय दिया था। ...
साल 2012 से पहले भारत में एंजल कर की कोई अवधारणा देखने को नहीं मिल रही थी. लेकिन साल 2012 में सरकार द्वारा आयकर अधिनियम 1961 में संशोधन के बाद धारा 56(2) में एक खंड ‘सात-बी’ जोड़ा गया, जिसमें एंजल कर को शामिल किया गया. ...