श्रीलंका दक्षिण एशिया का एक द्वीपीय देश है। यह हिंद महासागर से घरा हुआ है। श्रीलंका को लंबे संघर्ष के बाद 1948 में अंग्रेजों से आजादी मिली थी। इस देश ने 26 साल लंबा सिविल वार झेला है। साल 2009 में श्रीलंकाई आर्म्ड फोर्सेस ने एलटीटीई को हराकर इसका खात्मा किया। श्रीलंका में प्रमुख रूप से सिन्हला और तमिल भाषाएं बोली जाती हैं। यहां की 70 प्रतिशत आबादी बोद्ध धर्म का पालन करती है। इसके बाद हिंदू धर्म के मानने वाले हैं। फिर इस्लाम और ईसाई धर्म को मानने वाले हैं। Read More
सबसे बड़ा आश्चर्य यह है कि इन बुरे दिनों में श्रीलंका की प्रचुर सहायता के लिए चीन आगे क्यों नहीं आ रहा है? राजपक्षे परिवार तो पूरी तरह चीन की गोद में ही बैठ गया था। चीन के चलते ही श्रीलंका विदेशी कर्ज में डूबा है। चीन की वजह से अमेरिका ने चुप्पी साध ...
महिंदा यापा अबेवर्धन ने बताया, "हां, श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है, कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जाएगा...सदस्यों को कल आमंत्रित किया जाएगा (राष्ट्रपति का चुनाव करने के लिए)।" ...
श्रीलंका को कर्ज के बोझ से लादने के बाद उसे इस आर्थिक संकट से उबरने में चीन उसका साथ नहीं दे रहा है. दूसरी ओर भारत पूरी सतर्कता बरतते हुए अपने पड़ोसी की मदद में जुटा है. ...
श्रीलंकाः संसद के स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने ने कहा कि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे का इस्तीफा मिला है और उनका कार्यालय पत्र की वैधता की जांच कर रहा है। ...
वैश्विक समाचार एजेंसी एएफपी ने सिंगापुर के विदेश मंत्रालय के हवाले से कहा कि इस बात की पुष्टि हो गई है कि राजपक्षे को निजी यात्रा पर सिंगापुर में प्रवेश की अनुमति दी गई है। ...
देश छोड़कर भागे श्रीलंकाई राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे मालदीव से सिंगापुर होते हुए सऊदी अरब जा रहे हैं। इधर देश में बिगड़ते हालात के बीच कुछ इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए सेना सड़कों पर उतर गई है। ...
कोलंबो की सड़कों में सैन्य वाहनों को तैनात कर दिया गया है। गुरुवार को देश भर में अशांति और उग्र विरोध के बीच राजधानी कोलंबो की सड़कों पर सैन्य बख्तरबंद वाहन नजर आए। ...
श्रीलंका में जारी सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बीच प्रदर्शनकारी कब्जे में ली गई सरकारी इमारतों को खाली करने के लिए राजी हो गए हैं। हालांकि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने अभी तक इस्तीफा नहीं दिया है जिससे जनता में रोष है। ...