श्रीलंका: नरम पड़े प्रदर्शनकारी, कब्जे में ली गई सरकारी इमारतों को खाली करेंगे

By शिवेंद्र राय | Published: July 14, 2022 01:48 PM2022-07-14T13:48:38+5:302022-07-14T13:51:18+5:30

श्रीलंका में जारी सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बीच प्रदर्शनकारी कब्जे में ली गई सरकारी इमारतों को खाली करने के लिए राजी हो गए हैं। हालांकि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने अभी तक इस्तीफा नहीं दिया है जिससे जनता में रोष है।

Lankan Protesters peacefully withdrawing from the Presidential Palace | श्रीलंका: नरम पड़े प्रदर्शनकारी, कब्जे में ली गई सरकारी इमारतों को खाली करेंगे

प्रदर्शनकारियों ने पिछले हफ्ते राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के आवास पर कब्जा कर लिया था

Highlightsश्रीलंका में नरम पड़े प्रदर्शनकारीसरकारी इमारतों को खाली करने के लिए राजी हुएराष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने अभी तक इस्तीफा नहीं दिया है

कोलंबो: श्रीलंका में जारी सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बीच प्रदर्शनकारी कब्जा की गई सरकारी इमारतों को शांति पूर्वक खाली कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने पिछले हफ्ते राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के आवास पर कब्जा कर लिया था। श्रीलंका में फिलहाल कार्यवाहक राष्ट्रपति की भूमिका निभा रहे प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने प्रदर्शनकारियों से सरकारी इमारतों और कार्यालयों को खाली करने की अपील की थी। रानिल विक्रमसिंघे ने सुरक्षाबलों के स्थिति नियंत्रण में करने कि लिए आवश्यक कदम उठाने के आदेश भी दिए थे।

मालदीव पहुंचे गोटबाया राजपक्षे

श्रीलंका में चल रहे सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बीच राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे देश छोड़कर मालदीव भाग चुके हैं। अब तक मिली जानकारी के अनुसार गोटबाया राजपक्षे मालदीव से सिंगापुर जाने की तैयारी में हैं। वहीं कुछ मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि राजपक्षे सउदी अरब जा रहे हैं। राष्ट्रपति गोटबाया ने अब तक इस्तीफे का एलान नहीं किया है। हालांकि, इस बीच गोटबाया ने बयान जारी करते हुए कहा है कि वे काफी दबाव में हैं और सिंगापुर पहुंचते ही इस्तीफा देंगे। बता दें कि श्रीलंकाई राष्ट्रपति को 13 जुलाई को ही इस्तीफा देना था लेकिन उन्होंने इसका एलान नहीं किया।

नरम पड़े प्रदर्शनकारी

लंबे समय तक कड़ा प्रतिरोध करने के बाद अब प्रदर्शनकारी भी नरम पड़ने लगे हैं। प्रदर्शनकारियों के एक प्रवक्ता ने कहा, "हम तत्काल प्रभाव से राष्ट्रपति भवन, राष्ट्रपति सचिवालय और प्रधानमंत्री कार्यालय से शांतिपूर्वक हट रहे हैं, लेकिन अपना संघर्ष जारी रखेंगे।"

सरकार विरोधी प्रदर्शनों का समर्थन करने वाले एक वरिष्ठ बौद्ध भिक्षु ने 200 साल से अधिक पुराने राष्ट्रपति भवन को अधिकारियों को वापस सौंपने और इसकी मूल्यवान कला और कलाकृतियों को संरक्षित करने की अपील की थी। भिक्षु ओमालपे सोबिथा ने संवाददाताओं से कहा, "यह इमारत एक राष्ट्रीय खजाना है और इसे संरक्षित किया जाना चाहिए।"

संयुक्त राष्ट्र ने की शांति की अपील

श्रीलंका में जारी प्रदर्शनों के बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा, "मैं सभी पार्टी नेताओं से शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक परिवर्तन के लिए समझौते की भावना को अपनाने का आग्रह करता हूं।"

Web Title: Lankan Protesters peacefully withdrawing from the Presidential Palace

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