श्रीलंका: गोटाबाया राजपक्षे का इस्तीफा स्पीकर अबेवर्धन ने किया मंजूर, रानिल विक्रमसिंघे होंगे कार्यवाहक राष्ट्रपति

By मनाली रस्तोगी | Published: July 15, 2022 10:49 AM2022-07-15T10:49:17+5:302022-07-15T11:20:56+5:30

महिंदा यापा अबेवर्धन ने बताया, "हां, श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है, कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जाएगा...सदस्यों को कल आमंत्रित किया जाएगा (राष्ट्रपति का चुनाव करने के लिए)।"

Gotabaya Rajapaksa Resignation Accepted Says Speaker | श्रीलंका: गोटाबाया राजपक्षे का इस्तीफा स्पीकर अबेवर्धन ने किया मंजूर, रानिल विक्रमसिंघे होंगे कार्यवाहक राष्ट्रपति

श्रीलंका: गोटाबाया राजपक्षे का इस्तीफा स्पीकर अबेवर्धन ने किया मंजूर, रानिल विक्रमसिंघे होंगे कार्यवाहक राष्ट्रपति

Highlightsसंसदीय अध्यक्ष महिंदा यापा अबेवर्धन ने बताया कि गुरुवार को गोटाबाया राजपक्षे ने कानूनी रूप से इस्तीफा दे दिया है।अबेवर्धन को राजपक्षे ने सिंगापुर से सूचित किया गया कि वह पद छोड़ रहे हैं।

कोलंबो: श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है। संकटग्रस्त देश के संसदीय अध्यक्ष महिंदा यापा अबेवर्धन ने राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के इस्तीफे की पुष्टि की। बता दें कि राजपक्षे इस सप्ताह के शुरू में देश छोड़कर सिंगापुर चले गए थे और अबेवर्धन को सिंगापुर से सूचित किया गया कि वह पद छोड़ रहे हैं। 

वहीं, महिंदा यापा अबेवर्धन ने बताया, "हां इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है, कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जाएगा...सदस्यों को कल आमंत्रित किया जाएगा (राष्ट्रपति का चुनाव करने के लिए)।" अबेवर्धन ने रिपोर्टर्स को बताया कि गुरुवार को गोटाबाया ने कानूनी रूप से इस्तीफा दे दिया है। मैंने इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।

श्रीलंका के संविधान के तहत प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे स्वचालित रूप से कार्यवाहक राष्ट्रपति बन जाएंगे, जब तक कि संसद अपने शेष कार्यकाल के लिए एक सांसद का चुनाव नहीं कर लेती। देश में बिगड़ती आर्थिक स्थिति ने तनाव को बढ़ा दिया है और पिछले कुछ हफ्तों में ईंधन स्टेशनों पर व्यक्तियों और पुलिस कर्मियों और सशस्त्र बलों के बीच कई टकराव की खबरें आई हैं।

1948 में स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद से श्रीलंका अपने सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, जोकि कोविड-19 महामारी आया है। तेल आपूर्ति की कमी ने स्कूलों और सरकारी कार्यालयों को अगली सूचना तक बंद करने के लिए मजबूर कर दिया है। घरेलू कृषि उत्पादन में कमी, विदेशी मुद्रा भंडार की कमी और स्थानीय मुद्रा मूल्यह्रास ने कमी को हवा दी है। 

Web Title: Gotabaya Rajapaksa Resignation Accepted Says Speaker

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