रेपो रेट का एकदम उल्टा होता है रिवर्स रेपो रेट। यानि बैंक अपने दिनभर के काम के बाद बची हुई रकम को रिजर्व बैंक के पास जमा कर देते हैं और उस पर मिलने वाले ब्याज को रिवर्स रेपो रेट कहा जाता है। रिवर्स रेपो रेट का सीधा असर बाजार पर पड़ता है। अगर रिवर्स रेपो रेट ज्यादा हो तो बैंक ज्यादा पैसे रिजर्व बैंक के पास जमा करा देते हैं और बाजार में नकदी की कमी हो जाती है। रिवर्स रेपो रेट कम होने पर बाजार में कैश फ्लो बढ़ जाता है।